Helicopter Crash में एक मात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के 24 घंटे में तीन ऑपरेशन, अब बेंगलुरू में होगा इलाज

Published : Dec 09, 2021, 05:31 PM IST
Helicopter Crash में एक मात्र बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के 24 घंटे में तीन ऑपरेशन,  अब बेंगलुरू में होगा इलाज

सार

ग्रुप कैप्टन सिंह के अब तक 3 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इसके बाद भी उनकी हालत नाजुक बनी है। भोपाल निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (रिटायर्ड) केपी सिंह ने वरुण को बेंगलुरू शिफ्ट करने की पुष्टि की है। 

कोयम्बटूर। सीडीएस बिपिन रावत (CDS BIPIN RAWAT) के हेलिकॉप्टर क्रैश में एक मात्र रहे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह (Group Caprain Varun Singh) का इलाज अब बेंगलुरू (Bengluru) में होगा। उन्हें वेंलिगटन से सुलूर के रास्ते बेंगलुरू ले जाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि Mi-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश में गंभीर रूप से झुलसे ग्रुप कैप्टन को वेलिंगटन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे। लेकिन उन्हें बेहतर इलाज की जरूरत है। ग्रुप कैप्टन सिंह के अब तक 3 ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इसके बाद भी उनकी हालत नाजुक बनी है। भोपाल निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के पिता कर्नल (रिटायर्ड) केपी सिंह ने वरुण को बेंगलुरू शिफ्ट करने की पुष्टि की है। वे वेलिंगटन पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि अभी मैं बेटे की स्थिति के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कह सकता। 

वेलिंगटन के मिलिट्री स्टाफ कॉलेज में पोस्टेड हैं वरुण 
हेलिकॉप्टर Mi-17V5 दुर्घटना में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और सशस्त्र बल के 11 कर्मियों की मौत हो गई थी। इस हेलिकॉप्टर में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह जनरल रावत की वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज की यात्रा के लिए संपर्क अधिकारी के तौर पर मौजूद थे। वह फिलहाल इसी कॉलेज में इंस्ट्रक्टर के रूप में कार्यरत हैं। 

एम्बुलेंस से सुलूर, वहां से जाएंगे बेंगलुरू 
दिल्ली के एक अधिकारी ने बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है और उन्हें बेंगलुरू के कमांड अस्पताल में ले जाने के लिए एम्बुलेंस से सुलूर ले जाया गया है। सुलूर से उन्हें बेंगलुरू ले जाया जाएगा। सिंह ने सुलूर एयरबेस पर जनरल रावत की अगवानी की थी, जहां से दल हेलिकॉप्टर से वेलिंगटन की ओर जा रहा था। 

तेजस में खराबी आने के बाद भी कर ली थी सेफ लैंडिंग 
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ने इससे पहले पिछले साल तेजस विमान की ट्रायल उड़ान के दौरान आई बड़ी तकनीकी खामी के बाद विमान को आपातकालीन स्थिति में सुरक्षित उतार लिया था और वह बाल-बाल बचे थे। उनकी बहादुरी के लिए उन्हें इसी साल शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है।   
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