बीरभूम हिंसा: CBI ने FIR में दर्ज किए 21 संदिग्धों के नाम, कहा- लोगों को मारने के लिए घरों में लगाई गई आग

बीरभूम हिंसा (Birbhum arson) मामले की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने एफआईआर में 21 संदिग्धों को नामजद किया है। जांच एजेंसी का मानना है कि अंदर बंद लोगों को मारने के इरादे से ही घरों में आग लगाई गई थी।

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम (Birbhum arson) जिले के रामपुरहाट में 21 मार्च को बदमाशों ने दस घरों में आग लगाकर महिलाओं और बच्चों समेत आठ लोगों की जान ले ली थी। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रही है। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में 21 संदिग्धों को नामजद किया है। 

सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि स्थानीय पंचायत के टीएमसी उप-प्रधान भादू शेख की हत्या का बदला लेने के लिए प्रतिशोध में हिंसा की गई थी। एक दिन पहले अज्ञात हमलावरों ने उन पर कथित तौर पर देसी बम से हमला किया था। प्राथमिकी में कहा गया है कि 70-80 लोगों की भीड़ ने पीड़ितों के घरों में तोड़फोड़ की और अंदर के लोगों को मारने के लिए घरों में आग लगा दी। सीबीआई ने आजाद चौधरी, इंताज शेख, मोफिजल शेख, अशिम शेख, राणा शेख, नजरूल इस्लाम, अजहर शेख, मोरतेज अली, रस्तन शेख, रोहन शेख, नाजिर हुसैन, ललन शेख, बप्पा शेख, जहांगीर शेख, सोबु शेख, राज शेख, मोफुद्दीन शेख, नायन देवान, असरफ खान, तौसिब शेख और रमजान शेख को नामजद आरोपी बनाया है। 

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दरअसल, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया था। इसके बाद से सीबीआई की टीम रामपुरहाट थाने का दौरा कर मामले से जुड़ी विभिन्न फाइलें और दस्तावेज लेकर हिंसा स्थल का दौरा कर चुकी है। सीबीआई की केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की एक टीम ने फोरेंसिक जांच के लिए नमूने एकत्र किए और शुक्रवार को आग में जले घरों का जायजा लिया।

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यह है मामला
बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट गांव में मंगलवार को करीब एक दर्जन घरों में आग लगा दी गई थी, जिसमें दो बच्चों समेत कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई। यह घटना टीएमसी पंचायत नेता भादू प्रधान की कथित हत्या के तुरंत बाद हुई। भादू प्रधान पर एक दिन पहले अज्ञात हमलावरों ने देसी बम से हमला किया था। पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी अनारूल हसन को गिरफ्तार कर लिया है। अनारूल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी से 1998 से जुड़ा था। आरोप है कि अनारूल ने ही घटना की रात भीड़ का नेतृत्व किया था और लोगों को घरों में आग लगा देने के लिए उकसाया था। 

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