सार

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतई गांव में 21 मार्च को हुई हिंसा (West Bengal Political Violence) की CBI ने जांच शुरू कर दी है। इस बीच ममता बनर्जी का एक फोटो ने बवाल मचा दिया है। इसमें वे तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल के साथ कार में बैठी दिखाई दे रही हैं। अनुब्रत पर विपक्ष का आरोप है कि उनके इशारे पर ही बलवाइयों ने घरों को आग लगाई थी।
 

कोलकाता, पश्चिम बंगाल. विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस(TMC) के लिए 'खेला होबे' का नारा देने वाले बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुब्रत मंडल के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के एक फोटो ने बवाल मचा दिया है। ममता बनर्जी अनुब्रत मंडल के साथ कार में बैठी दिखाई दे रही हैं। अनुब्रत पर विपक्ष का आरोप है कि उनके इशारे पर ही बलवाइयों ने घरों को आग लगाई थी। बता दें कि पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट के बोगतई गांव में 21 मार्च को हुई हिंसा (West Bengal Political Violence) की कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच शुरू कर दी है। बीरभूम नरसंहार मामले में CBI ने शुक्रवार की रात FIR दर्ज की थी। शनिवार की सुबह CBI की 30 सदस्यीय टीम घटनास्थल पर पहुंची। CBI के डीआईजी अखिलेश सिंह के नेतृत्व में टीम जांच कर रही है। CBI की टीम शनिवार सुबह 10:45 बजे रामपुरहाट थाने पहुंची। इससे पहले राज्य सरकार की एसआईटी वहां पहुंच चुकी थी।

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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ फोटो
भाजपा के आईटी सेल के इनचार्ज(In-charge of BJP's National Information & Technology Dept) अमित मालवीय(Amit Malviya) ने ट्वीट पर यह फोटो शेयर करके मुद्दा गर्मा दिया है। कई अन्य लोगों ने भी यह फोटो शेयर करके ममता बनर्जी की निंदा की है। अमित मालवीय ने लिखा-बीरभूम के स्थानीय गुंडे अनुब्रतो मंडल को अपनी कार में लेकर क्या संदेश दे रही हैं, जिनके निर्देश पर अनारुल हुसैन ने ऑपरेशन किया। उसे रामपुरहाट नरसंहार के लिए गिरफ्तार किया गया है? यह तस्वीर बताती है कि कैसे पश्चिम बंगाल की राजनीति का अपराधीकरण ऊपर तक शुरू हाे गया है।

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अनुब्रत मंडल लगातार विवादों में
अनुब्रत मंडल ने बीरभूम हिंसा की जांच CBI से कराने का स्वागत किया था। उनके अनुसार यह कलकत्ता हाईकोर्ट का यह फैसला अच्छा है। लेकिन इस मामले को लेकर पार्टी के अंदर ही विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, TMC इस मामले की जांच CBI से कराने को लेकर खुश नहीं है। लेकिन जब अनुब्रत मंडल ने इसे सराहा और कहा कि पुलिस को 2001 में हुए नानूर हत्याकांड की तर्ज पर कार्रवाई करनी चाहिए। तब टीएमसी से जुड़े 11 भूमिहीन मजदूरों को जिंदा जला दिया गया था। अनुब्रत के बयान पर TMC के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने तंज कसा था कि अनुब्रत बड़े नेता हैं। उनकी राजनीति समझ अधिक है। हालांकि इस मामले में अनुब्रत खुद घिरते जा रहे हैं। CPM समेत पूरा विपक्ष अनुब्रत को बीरभूम नरसंहार का मास्टर माइंड मान रहा है। वो उनकी गिरफ्तारी की मांग उठा रहा है।

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100 से अधिक बाइकर्स ने मचाया था उत्पात
बोगतई गांव में हिंसा तृणमूल कांग्रेस(TMC) के स्थानीय नेता और बरशल ग्राम पंचायत बोकतुई के उप प्रमुख भादु शेख की 21 मार्च को हत्या(TMC leader Bhadu Sheikh was killed on Monday) के बाद हुई थी। भादु पर पुरानी रंजिश के चलते बम से हमला किया गया था। उनकी मौत की खबर के सुनकर टीएमसी के 100 से अधिक कार्यकर्ता बाइक से गांव पहुंचे और उपद्रव शुरू कर दिया। कहा जा रहा है कि TMC के समर्थकों ने भाजपा समर्थकों के घरों में आग लगा दी। इस मामले की जांच कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश पर CBI कर रही है।

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