बीजेबी कॉलेज की एक छात्रा ने बीते 2 जुलाई को आत्महत्या कर ली थी। पीड़िता ने कॉलेज के तीन व्यक्तियों पर रैगिंग का आरोप लगाया था। सुसाइड में तीन लोगों का जिक्र था। छात्रा के माता-पिता पिछले 11 दिनों से अनशन कर रहे हैं।
भुवनेश्वर। बीजेबी ऑटोनॉमस कॉलेज में छात्रा के आत्महत्या के मामले में पुलिस ने क्लीनचिट दे दी है। पुलिस को रैगिंग से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले हैं। उधर, माता-पिता ने छात्रा की आत्महत्या की वजह रैगिंग बताया है। छात्रा के माता-पिता पिछले 11 दिनों से अनशन कर रहे हैं।
करीब 200 लोगों से पूछताछ में रैगिंग की पुष्टि नहीं
भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त प्रतीक सिंह ने कहा कि पुलिस ने 19 वर्षीय छात्रा की आत्महत्या मामले में जांच के दौरान छात्रों, छात्रावास के कैदियों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों सहित 198 लोगों से पूछताछ की है। पुलिस ने अब तक कॉलेज के 198 छात्रों और छात्रावास के छात्रों, दोस्तों, रिश्तेदारों और पीड़ित के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की है, लेकिन किसी ने भी रैगिंग की ओर इशारा नहीं किया। पुलिस ने उनसे यह भी पूछा कि क्या महिला दबाव में थी। डीसीपी ने कहा, डेटा प्राप्त करने के लिए उसका सेलफोन सिंगापुर भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी विशेषज्ञ, साइबर विशेषज्ञ, फोरेंसिक विज्ञान प्रौद्योगिकी और यहां तक कि एक मनोवैज्ञानिक भी जांच में लगे हुए हैं। किसी को ऐसा कोई सुराग नहीं मिला है जिससे पता चलता हो कि पीड़िता रैगिंग की शिकार थी।
गोपनीय जानकारी भी जुटाई जा रही
डीसीपी ने कहा कि पुलिस अभी भी जांच में जुटी है और मामले से जुड़ी कोई भी जानकारी गोपनीय रूप से देने के लिए छात्रों के बीच एक फोन नंबर बांट दिया गया है।
दो जुलाई को छात्रा ने किया था सुसाइड
महिला 2 जुलाई को अपने छात्रावास के कमरे में लटकी हुई पाई गई थी। उसके पास मिले एक कथित सुसाइड नोट में तीन वरिष्ठों द्वारा कथित रैगिंग की ओर इशारा किया गया था। सुसाइड नोट में छात्रा ने रैगिंग किए जाने की वजह से आत्महत्या करने की बात कही थी लेकिन नोट में किसी नाम का जिक्र नहीं था।
मां-बाप पूछ रहे-बेटी को कब मिलेगा न्याय
इस बीच, महिला के माता-पिता ने कॉलेज के गेट के सामने अपने आंदोलन से निकाले जाने के बाद अपना धरना यहां के लोअर पीएमजी स्क्वायर में स्थानांतरित कर दिया। पुलिस को उन तीन वरिष्ठों की पहचान करने में कितने दिन लगेंगे जिन्होंने उसे आत्महत्या के लिए उकसाया? न्याय मिलने तक हम यहां धरना जारी रखेंगे। माता-पिता ने कहा कि अगर पुलिस दोषियों का पता लगाने में असमर्थ है, तो मामले को सीबीआई को सौंप देना बेहतर है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ छात्रों ने बताया है कि कॉलेज के वार्डन और अधीक्षक उनकी शिकायतें नहीं सुन रहे हैं और उन्हें कुछ भी न बताने की धमकी दे रहे हैं। पीड़िता के पिता ने कहा कि जब तक इन अधिकारियों को उनके पदों से नहीं हटाया जाता, तब तक निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती क्योंकि छात्रावास के छात्र भारी तनाव और दबाव में हैं।
छात्रा की मां ने कहा कि हमें पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। उन्होंने अभी तक हमें जांच की स्थिति के बारे में सूचित नहीं किया है। मेरी बेटी की मौत के जिम्मेदार लोग अभी भी कॉलेज में हैं। जब तक ये लोग शीर्ष पर हैं, हमें न्याय कैसे मिलेगा।
पुलिस ने किया मानवाधिकारों का उल्लंघन
इस बीच, विपक्षी कांग्रेस ने कहा कि वह बुधवार को फिर से विधानसभा में इस मुद्दे को उठाएगी। धरना उठाने के लिए पीड़िता की मां को सड़कों पर घसीटना घोर अमानवीय है। सीएलपी नेता नरसिंह मिश्रा ने कहा कि पुलिस ने मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।
यह भी पढ़ें:
Spicejet: 24 दिनों में 9वीं बार आई खराबी, दुबई-मदुरै उड़ान में देरी
CBI कोर्ट ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को क्यों नहीं दी डिफॉल्ट जमानत, क्या कहता है कानून?