कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू कहने के मामले में कंगना रनौत ने सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मैंने तो प्यार से कहा था।
मनाली। हिमाचल प्रदेश के मंडी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार कंगना रनौत ने 'छोटा पप्पू' वाले बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि मैंने तो प्यार से कहा था। वह मेरे छोटे भाई की तरह है। हालांकि अधिकतर समय मुझसे नाराज रहते हैं। दरअसल, कंगना ने हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता विक्रमादित्य सिंह को छोटा पप्पू कहा था।
इस मामले में सफाई देते हुए कंगना ने कहा, "विक्रम भाई मेरे छोटे भाई हैं, मुझसे तो नाराज ही रहते हैं। इतना प्यारा मैंने उनको नाम दिया राजा बेटा, उससे भी खफा हैं। इतना प्यारा मैंने उनको बोला राजा बाबू, उससे भी खफा हैं। हमारे शीर्ष नेतृत्व से अगर कोई हमारी तुलना करे तो हम तो गदगद हो जाएं। वो खुद को प्रधानसेवक कहते हैं, हमें कोई छोटा सेवक कह दे, हम तो गदगद हो जाएं। हमने उनको छोटा पप्पू क्या बोल दिया, अरे वो तो मुंह फुलाकर बैठ गए।"
कंगना ने दिया था यह बयान
मनाली में गुरुवार को एक रैली में कंगना ने कहा था, "नवरात्री का ये तीसरा दिन है। पूरा देश देवी की पूजा में लीन है। हर जगह नारी शक्ति की पूजा हो रही है। लेकिन कांग्रेस की महिला विरोधी और दुष्ट सोच को नवरात्री में भी कोई विराम नहीं है। जब से मेरे नाम की घोषणा हुई है इनको इतनी मिर्च लग रही है कि दिन रात मुझे अपमानित करने में लगे हुए हैं।"
कंगना ने कहा, "एक बड़ा पप्पू है दिल्ली में, लेकिन हमारे यहां भी एक छोटा पप्पू है। वो कहता है कि मैं गौमांस खाती हूं। उसके पास एक वीडियो है। वो वीडियो दिखाता क्यों नहीं है। उसके कोई तो सबूत होगा। उसने मुझे गौमांस खाते कहां देखा। कोई रेस्टोरेंट का बिल होगा, फोटो होगा, कोई इंटरव्यू होगा। झूठा और एक नंबर का पलटूबाज है ये छोटा पप्पू। आप इससे उम्मीद ही क्या कर सकते हैं जब इसका सीनियर कहता है हमें शक्ति का विनाश कर देना है। जब बड़ा पप्पू ऐसे बातें करता है तो छोटे पप्पू से क्या उम्मीद की जा सकती है।"
विक्रमादित्य सिंह ने कहा-आज तक ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं हुआ
कंगना के बयान पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "कंगना रनौत ने जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया है मेरे लिए, कांग्रेस पार्टी के लिए हिमाचल प्रदेश के लिए। उसके लिए मैं उनको कोटी-कोटी नमन करता हूं। आजतक ऐसी भाषा का प्रयोग हिमाचल जैसी पवित्र देवभूमि में नहीं हुआ होगा। अगर उन्होंने मनाली के मुद्दों की बात की होती। कुछ महीनों पहले सदी की सबसे बड़ी आपदा मनाली में आई थी। क्या आप आपदा के समय एक भी दिन मनाली गईं?