पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। पार्टी के सात से अधिक विधायक और कई सांसद पार्टी छोड़ चुके हैं। अब पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को केंद्रीय नेतृत्व की ओर से वार्निंग दी गई है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल (West Bengal) में विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हारने के बाद बीजेपी (BJP) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कई विधायक और सांसद पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। अब पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) के तेवर बगावती दिखने लगे हैं। हालांकि, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार (Sukant Majumdar) के खिलाफ सार्वजनिक बयानबाजी करने पर राष्ट्रीय मुख्यालय से उनको कड़ा निर्देश मिला है। केंद्रीय नेतृत्व ने दिलीप घोष को पत्र भेजकर कहा है कि आपकी टिप्पणियों से शर्मिंदगी हो रही है।
विधानसभा चुनाव बीतने के बाद हटाए गए थे घोष
दरअसल, बीते विधानसभा चुनाव में दिलीप घोष बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष थे। घोष सहित अन्य नेता राज्य में बीजेपी के प्रमुख चेहरे थे। लेकिन चुनाव हारने के बाद दिलीप घोष को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटा कर सुकांत मजूमदार को नया अध्यक्ष बना दिया गया था। दिलीप घोष का समायोजन करते हुए पार्टी ने उनको राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था।
सार्वजनिक आलोचना करने पर फंसे घोष
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने बीते दिनों अपने उत्तराधिकारी अध्यक्ष सुकांत मजूमदार की सार्वजनिक तौर पर आलोचना की थी। घोष ने सुकांत मजूमदार को कम अनुभवी बताया था। उन्होंने कहा कि बीजेपी अभी राज्य में संघर्ष कर रही है। हम काफी दिनों से संघर्ष कर रहे हैं। कम अनुभवी सुकांत के अलावा भी पार्टी में कई दिग्गज हैं। उन्हें राज्य में लड़ने के लिए खड़ा किया जाना चाहिए।
नाराज हुआ केंद्रीय नेतृत्व
दिलीप घोष द्वारा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार का सार्वजनिक रूप से आलोचना करना केंद्रीय नेतृत्व को नागवार लगी। बीजेपी कार्यालय प्रभारी अरुण सिंह ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष को इस बारे में पत्र लिखकर अवगत कराया और ऐसी टिप्पणियां न करने की सलाह दी। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने लिखा कि आपकी टिप्पणियां अतीत में भी काफी विवादित रही है। बीजेपी ने घोष को लिखे पत्र में कहा है कि हालिया साक्षात्कार में, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और शायद अन्य मंचों पर आपकी टिप्पणियों ने राज्य के वरिष्ठ पदाधिकारियों की खुले तौर पर आलोचना की है। इस तरह की टिप्पणियां केवल पार्टी को चोट पहुंचाएंगी और नुकसान पहुंचाएंगी और अतीत में आपकी खुद की मेहनत को नकार देंगी। पार्टी के प्रति आपकी प्रतिबद्धता निरपेक्ष रही है, लेकिन कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जब आपके कुछ बयानों या नाराजगी ने राज्य के पार्टी नेताओं को नाराज किया है और केंद्रीय नेतृत्व को भी शर्मसार किया है। बीजेपी का राष्ट्रीय नेतृत्व मीडिया के माध्यम से इस तरह के बयान जारी करने से बहुत चिंतित है ... राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के निर्देश पर, मैं आपको पार्टी की गहरी पीड़ा से अवगत कराना चाहता हूं ... पूरी उम्मीद है कि आप स्थिति की संवेदनशीलता की सराहना करेंगे, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में, और मीडिया या किसी भी सार्वजनिक मंच के साथ अपने व्यवहार में हमेशा अधिक विवेकशील रहेंगे।
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