कौन थे पीएम मोदी के 'मिस्टर भरोसेमंद'- गड़ौली धाम को लेकर चर्चा में आए, दिल्ली में हुआ निधन

यूपी के मिर्जापुर में गड़ौली धाम की चर्चा इन दिनों चर्चा में है। कारण यह है कि दो दिन पहले ही यहां इंटरनेशनल कथा वाचक रमेश भाई ओझा का नौ दिवसीय शिव चरित आयोजन किया गया।

 

Manoj Kumar | Published : Nov 29, 2023 3:47 PM IST

Sunil Ojha Passes Away. यूपी के मिर्जापुर में कछवां थानाक्षेत्र स्थित प्रसिद्ध जगतानंद आश्रम के पास ही भव्य गड़ौली धाम परिसर तैयार किया जा रहा है। इसके कर्ताधर्ता सुनील ओझा का बुधवार को दिल्ली में निधन हो गया। दो दिन पहले ही गड़ौली धाम में शिव चरित का 9 दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसकी शुरूआत में सुनील ओझा मौजूद रहे थे। कार्यक्रम के दौरान ही उन्हें डेंगू की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती कराना पड़ा। बाद में दिल्ली में सुनील ओझा का निधन हो गया। जानकारी के लिए बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील ओझा, पीएम मोदी के बेहद करीबी माने जाते थे।

कौन थे सुनील ओझा

सीनियर बीजेपी लीडर सुनील ओझा पहले यूपी के सह प्रभारी थे, जिन्हें कुछ महीने पहले ही बिहार राज्य का बीजेपी सह प्रभारी बनाया गया। सुनील ओझा मूलरूप से गुजरात के भावनगर के रहने वाले थे। वे पीएम मोदी के करीबी नेताओं में गिने जाते थे। जब से उन्हें बिहार का सह प्रभारी बनाया गया था, तब से राजनैतिक हलचल तेज हो गई थी। ओझा ब्राह्मण समुदाय से आते थे और बिहार में वे काफी कुछ कर सकते थे। यह बातें भी सामने आ रही हैं कि ओझा मूलतः बिहार से ही आते हैं और आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनावों में इसका प्रभाव पड़ सकता था।

मिर्जापुर के गड़ौली धाम को लेकर चर्चा में रहे

यूपी के मिर्जापुर जिले में कछवां थाने से करीब 6-7 किलोमीटर दूर गंगाजी के सुरम्य तट पर गड़ौली धाम का विस्तार किया जा रहा है। इसकी शुरूआत यहां स्थित शिव मंदिर के जीर्णोद्धार से शुरू हुआ। यह पूरा प्रोजेक्ट सुनील ओझा की देखरेख में ही चल रहा था। गड़ौली धाम का को मैप है, वह उसी तरह से बनाया गया तो यह स्थान मिर्जापुर का सबसे बड़ा टूरिस्ट डेस्टिनेशन भी बन सकता है। इसी धाम को हाइलाइट करने के लिए हाल ही में 9 दिवसीय शिव चरित कथा का आयोजन किया गया, जिसकी शुरूआत में सुनील ओझा ने की थी।

कैसे बने थे पीएम मोदी के करीबी

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 2002 में लड़ा था, तब राजकोट के प्रभारी सुनील ओझा ही थे। इसी चुनाव में सुनील ओझा ने अपनी काबिलियत दिखाई और मिस्टर भरोसेमंद के तौर पर पहचाने जाने लगे। पीएम मोदी के साथ उनका यह रिश्ता तभी से है। सोशल मीडिया पर इस वक्त एक तस्वीर भी वायरल हो रही है, जिसमें सुनील ओझा, नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ नजर आ रहे हैं।

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