Nabanna March में कार्यकर्ताओं को रोकने पर HC ने मांगी रिपोर्ट, BJP ऑफिस की सिक्योरिटी बढ़ाने का आदेश

महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने बताया कि हावड़ा के महानगरीय क्षेत्र में धारा 144 लागू थी। यहां किसी प्रकार रैली की अनुमति नहीं दी गई थी। इसलिए पुलिस ने रोकने की कोशिश। महाधिवक्ता ने बताया कि रैली में शामिल कुछ लोगों ने हिंसक गतिविधियों का सहारा लिया। पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 13, 2022 4:14 PM IST / Updated: Sep 13 2022, 09:52 PM IST

Nabanna March: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल के गृह सचिव से नबन्ना मार्च कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोके जाने के आरोपों पर रिपोर्ट तलब किया है। हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर यह आरोप लगाया गया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं को नबन्ना जाने के लिए मार्च में जबरिया रोका गया। इस आंदोलन में हुई हिंसा के बाद बीजेपी राज्य मुख्यालय ऑफिस की सुरक्षा को लेकर भी मांग की गई। कोर्ट ने बीजेपी स्टेट ऑफिस की सुरक्षा भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

क्या आदेश दिया है कोर्ट ने?

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कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व जस्टिस आर भारद्वाज की बेंच ने राज्य के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी अनावश्यक अरेस्ट न हो और रैली के सिलसिले में किसी भी व्यक्ति को अनावश्यक रूप से हिरासत में नहीं लिया जाए। कोर्ट ने गृह सचिव से बीजेपी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच रिपोर्ट 19 सितंबर तक सौंपने का भी निर्देश दिया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि उसके समर्थकों को रैली में शामिल होने के लिए जबरन रोका गया।

बीजेपी ने याचिका दायर कर लगाया राज्य सरकार पर आरोप

याचिकाकर्ता ने अपनी जनहित याचिका में दावा किया कि मंगलवार की रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं को जबरन शामिल होने से रोका गया और पार्टी नेताओं पर हमला किया गया। यह दावा किया गया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को ट्रेनों में चढ़ने से रोक दिया गया था और रैली में भाग लेने के लिए कोलकाता और हावड़ा जाने वाले वाहनों को रोक दिया गया था। पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया। मुरलीधर सेन लेन में बीजेपी ऑफिस में लोगों को न आने दिया जा रहा था न ही वहां से निकलने दिया जा रहा था।

कोर्ट में क्या कहा महाधिवक्ता ने?

महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने बताया कि हावड़ा के महानगरीय क्षेत्र में धारा 144 लागू थी। यहां किसी प्रकार रैली की अनुमति नहीं दी गई थी। इसलिए पुलिस ने रोकने की कोशिश। महाधिवक्ता ने बताया कि रैली में शामिल कुछ लोगों ने हिंसक गतिविधियों का सहारा लिया। पुलिस की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। मुखर्जी ने अदालत के समक्ष कहा कि विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए नेताओं को जल्द ही निजी मुचलके पर रिहा किया जाएगा। बताया कि शुभेंदु अधिकारी, सांसद लॉकेट चटर्जी और अन्य नेताओं को शाम को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार से निजी मुचलके पर रिहा कर दिया है।

क्या है पूरा मामला?

पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने मंगलवार को निबन्ना चलो अभियान चलाया। ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ बीजेपी ने सचिवालय मार्च किया तो पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड्स लगाकर रोकने की कोशिश की। पुलिस और बीजेपी कार्यकर्ताओं में तमाम जगहों पर झड़पें भी हुई। कई जगह लाठीचार्ज व वाटर कैनन का प्रयोग भी करना पड़ा। हावड़ा सहित कई जगहों पर कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए खूब बवाल काटे। बड़ा बाजार थाने के पास जमकर बवाल हुआ। पुलिस गाड़ी को आग के हवाले कर दिया गया। उधर, पुलिस ने बीजेपी के बड़े नेताओं शुभेंदु अधिकारी, लॉकेट चटर्जी, राहुल सिन्हा को हिरासत में ले लिया। हालांकि, शाम तक सभी नेताओं को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया था। पढ़िए पूरी स्टोरी...

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