महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को झटका, 7 मई को आएगा फैसला

Published : Apr 26, 2024, 06:48 PM ISTUpdated : Apr 27, 2024, 02:43 AM IST
Brij Bhushan Sharan Singh

सार

कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को स्पेशल कोर्ट से झटका लगा है। यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी अर्जी खारिज हो गई है।

Women Wrestlers Sexual Harassment case: कैसरगंज से बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को स्पेशल कोर्ट से झटका लगा है। यौन उत्पीड़न के मामले में उनकी अर्जी खारिज हो गई है। राउज़ एवेन्यू कोर्ट अब अगले 7 मई को यौन उत्पीड़न केस में अपना आदेश सुनाएगा। महिला पहलवानों ने बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। कोर्ट ने छह महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के बाद सुनवाई पूरी करते हुए 7 मई को फैसला सुनाने का ऐलान किया है।

छह पहलवानों ने लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप

दरअसल, भारतीय कुश्ती की दुनिया में उस समय भूचाल आ गया था जब भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। छह बार के सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद  साक्षी मलिक, बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट सहित देश के शीर्ष पहलवानों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोलते हुए धरना शुरू कर दिया। इन पहलवानों की मांग थी कि पीड़ित महिला पहलवानों को न्याय मिले। भाजपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई की मांग के लिए सैकड़ों की संख्या में पहलवान जनवरी में सड़कों पर उतरे थे। हालांकि, उस समय सरकार के आश्वासन के बाद पहलवानों ने आंदोलन स्थगित कर दिया। लेकिन सरकार के आश्वासन के बाद भी बृजभूषण शरण सिंह पर कार्रवाई नहीं हुई। महिला पहलवानों के मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया तो जाकर पुलिस ने केस दर्ज किया। हालांकि, मामला तूल पकड़ा तो सरकार भी हरकत में आई। लेकिन फेडरेशन के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह ने एकतरफा जीत हासिल कर ली। इसके बाद कुश्ती जगत में फिर हड़कंप मच गया। इस जीत के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने दबदबा कायम होने वाला बयान तो दिया ही उनके समर्थक भी इसे दोहराते हुए बढ़ चढ़कर बयान देने लगे थे।

कुश्ती महासंघ में करीबी की जीत के बाद फिर मुखर हुए पहलवान

इसको लेकर केंद्र सरकार की खूब किरकिरी होने लगी। आहत साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान कर दिया तो कई पहलवानों ने अपने पदक और सम्मान वापस करने शुरू कर दिए। सकते में आई सरकार ने महासंघ की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को कुछ दिनों के लिए संस्पेंड कर पहलवानों का गुस्सा शांत करने की कोशिश की। उधर, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ  जांच भी शुरू हो गई। पीड़िता पहलवानों की गवाही के आधार पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने 7 मई को निर्णय सुनाने का ऐलान किया है।

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