UPA सरकार में 5 साल तक नहीं मनाया गया था विजय दिवस, BJP सांसद राजीव चंद्रशेखर के प्रयास से शुरू हुआ जश्न

यूपीए सरकार जब पहली बार सत्ता में आई तभी कारगिल विजय दिवस का सेलिब्रेशन बंद कर दिया था। 

नई दिल्ली। 26 जुलाई, 2019 को पूरा देश 20वां कारगिल विजय दिवस सेलिब्रेट कर रहा है। आज के ही दिन भारत ने पाकिस्तान को कारगिल युद्ध में मुंहतोड़ जवाब दिया था। इसके बाद से 26 जुलाई को विजय दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में 5 साल तक विजय दिवस का जश्न नहीं मनाया गया था। इसके बाद भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने मुहिम चलाई और कांग्रेस को विजय दिवस का जश्न मनाने की मंजूरी देनी पड़ी। 

राजीव चंद्रशेखर की मुहिम के बाद शुरू हुआ सेलिब्रेशन...

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यूपीए सरकार जब पहली सत्ता में आई तभी कारगिल विजय दिवस का सेलिब्रेशन बंद कर दिया था। इसके बाद भाजपा सांसद राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को  21 जुलाई 2009 को लेटर लिखकर विजय दिवस के जश्न की मांग की थी। यूपीए सरकार जब दूसरी बार बनी तब भी वो नहीं चाहती थी कि विजय दिवस का आयोजन हो। हालांकि काफी जद्दोजहद के बाद इस जश्न का आयोजन शुरू हुआ।

 

कांग्रेस क्यों नहीं चाहती थी विजय दिवस का जश्न ?
 
कांग्रेस सरकार का मानना था कि ये युद्ध भारत की धरती पर लड़ा गया था। इतना ही नहीं उनका ये भी कहना था कि युद्ध एनडीए सरकार में लड़ा गया था तो अगर वो जश्न मनाना चाहते हैं तो मना सकते हैं।

कौन हैं राजीव चंद्रशेखर ?

राजीव चंद्रशेखर बीजेपी से राज्यसभा सांसद हैं। इसके साथ ही वे भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले गठबंधन नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस के केरल विंग के उपाध्यक्ष हैं। वे एनसीसी की केंद्रीय सलाहकार समीति के सदस्य भी हैं।

कारगिल से जुड़ी 10 बातें...

1.  26 जुलाई को भारत ने कारगिल युद्ध पर जीत हासिल की। यह युद्ध 18 फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था। जहां से पाकिस्तान सेना गोली बारी कर रही थी।

2. इस लड़ाई में भारत ने पाकिस्तान के करीब 3 हजार सैनिक मार गिराए थे।

3. कारगिल युद्ध में भारत के 572 जवान शहीद और 1363 जवान घायल हुए थे। 

4. भारत में पाकिस्तानी सेना के घुसपैठ की खबर एक चरवाहे ने भारतीय सेना को 3 मई, 1999 को दी थी।

5. LOC पर से पाक सैनिकों को खदेड़ने के लिए कारगिल सेक्टर में ऑपरेशन विजय चलाया गया।

6. बोफोर्स तोपें भी भारतीय सेना के खूब काम आई थीं। इस लड़ाई में सबसे कठिन लड़ाई टाइगर हिल की मानी जाती है। टाइगर हिल एक पहाड़ी है, जिसकी ऊंचाई करीब 5062 मीटर है। इस पर भारत के सबसे ज्यादा जवान शहीद हुए थे। लेकिन अंत में भारत ने इस पर भी जीत हासिल की। 

7. इस युद्ध में भारतीय वायुसेना का काफी योगदान था। सेना ने करीब 32 हजार फीट की ऊंचाई से पाकिस्तानी सेना पर बमबारी की थी। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के खिलाफ मिग-27 और मिग-29 का भी इस्तेमाल किया और जहां भी पाकिस्तान ने कब्जा किया था वहां बम गिराए गए। साथ ही पाकिस्तान के कई ठिकानों पर आर-77 मिसाइलों से हमला किया गया था।

8. कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे। 

9. कारगिल युद्ध की जीत की घोषणा तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 जुलाई को की थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की घोषणा की गई।

10. अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बातचीत कर उन्हें लताड़ा था। उन्होंने नवाज शरीफ से कहा था कि पहले मेरा लाहौर बुलाकर स्वागत करते हैं और फिर कारगिल युद्ध छेड़ देते हैं।

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