केएस ईश्वरप्पा ने लिखा कि मैं चुनावी राजनीति से हट रहा हूं। पार्टी ने पिछले 40 सालों में मुझे बहुत सारी जिम्मेदारियां दी हैं।
KS Eshwarappa quits electoral politics: कर्नाटक बीजेपी के सीनियर लीडर केएस ईश्वरप्पा ने चुनावी राजनीति से सन्यास का ऐलान कर दिया है। राज्य के सबसे विवादास्पद नेता ईश्वरप्पा का चुनाव के ठीक पहले चुनावी राजनीति से अलग होने का ऐलान पार्टी के लिए राहत भरा फैसला माना जा रहा है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर ईश्वरप्पा ने यह जानकारी दी है। के एस ईश्वरप्पा ने कहा कि वह 10 मई को होने वाला कर्नाटक चुनाव नहीं लड़ेंगे। मैं चुनावी राजनीति से हट रहा हूं।
क्या कहा ईश्वरप्पा ने?
केएस ईश्वरप्पा ने लिखा कि मैं चुनावी राजनीति से हट रहा हूं। पार्टी ने पिछले 40 सालों में मुझे बहुत सारी जिम्मेदारियां दी हैं। मैं एक बूथ प्रभारी से राज्य के पार्टी प्रमुख तक गया। मुझे उपमुख्यमंत्री बनने का भी सम्मान मिला।
राज्य के विवादित नेता रहे हैं ईश्वरप्पा
राज्य के विवादित नेता के रूप में केएस ईश्वरप्पा जाने जाते हैं। बीते दिनों पूर्व डिप्टी सीएम एस.ईश्वरप्पा ने अजान के लिए लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा कि क्या अल्लाह बहरा है कि उसे बुलाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल करने की जरूरत है। अजान को लेकर पिछले कई सालों से बहस जारी है। कर्नाटक में तो हिजाब और अजान का मुद्दा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। पढ़िए क्या कहा था पूर्व डिप्टी सीएम ने…
ठेकेदार आत्महत्या में भी लगे थे आरोप...
उडुपी में एक सिविल ठेकेदार की मौत पर ईश्वरप्पा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया था। ईश्वरप्पा को इस मामले में पहला आरोपी बनाया गया था। संतोष पाटिल के भाई प्रशांत पाटिल की शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई थी। संतोष पाटिल ने मंत्री के खिलाफ रिश्वत मांगने के आरोप लगाए थे। पाटिल उडुपी के एक लॉज में मृत पाए गए थे। प्रशांत की शिकायत में मंत्री ईश्वरप्पा और उनके स्टाफ सदस्यों रमेश और बसवराज को आरोपी बनाया गया।