CDS Bipin Rawat Chopper Crash: ब्लैक बॉक्स से खुलेंगे राज, जानें कैसे करता है यह काम

जनरल बिपिन रावत जिस हेलिकॉप्टर में सवार थे उसका ब्लैक बॉक्स मिल गया है। इससे हादसे के कारण के बारे में पता चल सकता है। हादसों के करीब 70 फीसदी मामलों में ब्लैक बॉक्स से कारण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।

नई दिल्ली। तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat), उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत के मामले की जांच एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में एक टीम कर रही है।

इस हादसे पर कई सवाल उठ रहे हैं। साजिश की आशंका भी जताई जा रही है। पूर्व ब्रिगेडियर सुधीर सावंत ने आशंका जताई है कि घटना के पीछे LTT (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) के स्लीपर सेल भी हो सकते हैं। इस इलाके में LTT सक्रिय है। हादसा क्यों हुआ? अब इस सवाल के जवाब तलाशे जा रहे हैं। घटनास्थल से हेलिकॉप्टर का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। हादसों के करीब 70 फीसदी मामलों में ब्लैक बॉक्स से कारण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।

Latest Videos

काला नहीं, नारंगी होता है ब्लैक बॉक्स
फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर को आम बोलचाल में ब्लैक बॉक्स कहा जाता है। हालांकि इसका रंग काला नहीं नारंगी होता है। नारंगी रंग से पेंट करने का मकसद है कि बॉक्स को हादसे वाली जगह से आसानी से खोजा जा सके। इसका काम उड़ान के दौरान हेलिकॉप्टर या विमान का डेटा रिकॉर्ड करना है। हादसे के बाद इस डेटा के विश्लेषण से कारण का पता चलता है।

ब्लैक बॉक्स में दो डिवाइस होती है। एक है कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और दूसरी है डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर पायलट और उसके सहयोगियों के बीच होने वाली बातचीत को रिकॉर्ड करता है। यह रिकॉर्ड करता है कि पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से क्या बात की। इसके डाटा से पता चलता है कि पायलट ने हादसे से पहले क्या कहा था। उसे क्या परेशानी आई थी। 

डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर हेलिकॉप्टर या विमान की हर जानकारी रिकॉर्ड करता है। यह विमान की गति, ऊंचाई, इंजन की स्थिति, ईंधन कितना है समेत अन्य जानकारियां स्टोर करता है। इसमें 24 घंटे तक की जानकारी जमा रहती है। इसका मतलब है कि हादसे का शिकार हुए हेलिकॉप्टर के डिजिटल फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर से 24 घंटे पहले तक की जानकारी मिल सकती है। इससे पता चल सकेगा कि हादसे की वजह हेलिकॉप्टर में हुई कोई तकनीकि खराबी तो नहीं थी। उस वक्त हेलिकॉप्टर की स्थिति क्या थी। 

बेदह मजबूत होता है ब्लैक बॉक्स
ब्लैक बॉक्स का काम हादसे के बाद घटना की वजह बताना है। इसके चलते इसे इतना मजबूत बनाया जाता है कि हादसे में नष्ट न हो। टाइटेनियम से बना यह बॉक्स इतना मजबूत होता है कि कितनी भी ऊंचाई से गिरने के बाद भी नहीं टूटता। यह 1000 डिग्री सेल्सियस तापमान को भी झेल सकता है। हादसे के बाद यह अपने लोकेशन की जानकारी देता रहता है। पानी के अंदर डूबने पर भी यह अपने लोकेशन की जानकारी देता रहता है और खराब नहीं होता। करीब 4.5 किलोग्राम वजन वाले इस बॉक्स को हेलिकॉप्टर के पिछले हिस्से में इंस्टॉल किया जाता है।

 

ये भी पढ़ें

CDS Bipin Rawat व अन्य सैनिकों को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि के बाद शोकाकुल परिजन से भी मिले

शूरवीरों को श्रद्धांजलि: CDS Bipin Rawat, Bgr एलएस लिड्डर सहित 13 सैन्य अधिकारियों को पुष्पांजलि, See Pics

Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी