वायनाड में लापरवाही: शवों को बाहर निकालने में आड़े आया PPE किट

वायनाड में हुए भूस्खलन में खोज अभियान के दौरान आठ लोगों को एयरलिफ्ट किया गया था, लेकिन बचाव दल के पास पीपीई किट जैसी सुरक्षा सामग्री नहीं होने के कारण शवों को बाहर नहीं निकाला जा सका।

कलपेट्टा: वायनाड में भूस्खलन प्रभावित इलाकों में की जा रही खोज अभियान के दौरान आनायटिकप्पा में मिले शवों को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सका। खोज के लिए गए आठ लोगों को एयरलिफ्ट कर लिया गया था। लेकिन बचाव दल के पास पीपीई किट जैसी सुरक्षा सामग्री नहीं होने के कारण शवों को बाहर नहीं निकाला जा सका। सुबह मिले चार शवों को घंटों बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है। 

स्वयंसेवकों ने बताया कि उन्हें पीपीई किट नहीं दी गई। केवल कवर और दस्ताने दिए गए थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने अधिकारियों को सूचित किया था कि इनके सहारे शवों को बाहर निकालना संभव नहीं है। चारों शव अभी भी सूचिपारा के नीचे ही हैं। स्वयंसेवकों ने बताया कि शव सड़ने लगे हैं। इस बीच, जिला प्रशासन ने मामले में दखल देते हुए सफाई दी है। जिला प्रशासन ने कहा कि समय बीत जाने के कारण आज शवों को एयरलिफ्ट नहीं किया जा सका। कलेक्टर कार्यालय ने बताया कि कल फिर से एयरलिफ्ट करने की कोशिश की जाएगी। सुबह 9.50 बजे स्वयंसेवकों ने शव मिलने की सूचना अधिकारियों को दी थी। 

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वायनाड में भूस्खलन के 11 दिन बाद खोज अभियान के दौरान 4 शव मिले हैं। स्वयंसेवकों को सूचिपारा के दुर्गम इलाके में ये शव मिले हैं। आज के लिए आपदा क्षेत्र में जनहितैषी खोज बंद कर दी गई है। रविवार को फिर से खोज शुरू की जाएगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 133 लोग अब भी लापता हैं। एक तरफ जहां जनहितैषी खोज दल को कोई शव नहीं मिला, वहीं दूसरी तरफ स्वयंसेवकों और बचाव दल ने सूचिपारा के दुर्गम और खतरनाक इलाके में कड़ी मशक्कत के बाद शवों को ढूंढ निकाला। 

एनडीआरएफ, फायरफोर्स, पुलिस, राजस्व विभाग के कर्मचारियों के अलावा स्थानीय लोग, जनप्रतिनिधि और स्वयंसेवक जनहितैषी खोज में शामिल हुए। इस खोज का मकसद ज्यादा से ज्यादा लापता लोगों को ढूंढना था। आज सुबह 7 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक यह खोज चली। राहत शिविरों, रिश्तेदारों के घरों और अन्य जगहों पर रह रहे रजिस्टर्ड 190 लोग भी खोज दल में शामिल हुए। इन्हें देर रात घटनास्थल पर लाया गया था, जिसके बाद आज सुबह से ही जनहितैषी खोज शुरू हो गई। 

भूस्खलन से सबसे ज्यादा प्रभावित पुंचिरिमत्तम, मुंडाकै टाउन और चूरलमाला स्कूल रोड पर अलग-अलग टीमों ने खोजबीन की। पर्यटन और लोक निर्माण मंत्री एडवोकेट पी.ए. मुहम्मद रियास भी सबसे पहले पुंचिरिमत्तम में ढहे घरों के पास पहुंची टीम के साथ थे। उत्तर क्षेत्र आईजी के. सेतुरामन ने खोज दल का नेतृत्व किया।

लापता लोगों के रिश्तेदारों, स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों द्वारा बताए गए और मांगे गए सभी स्थानों पर गहन तलाशी ली गई। संदिग्ध जगहों पर जेसीबी से मिट्टी हटाकर जांच की गई। खोजी कुत्तों की मदद भी ली गई। जिला प्रशासन द्वारा जारी सूची के मुताबिक, आपदा में 131 लोग लापता हैं। इन्हें ढूंढने के प्रयास जारी हैं।

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