Indian Navy में शामिल होने के लिए Rafale और F/A 18 के बीच चल रहा मुकाबला, जानें किसमें है कितना दम

भारतीय नौ सेना को आईएनएस विक्रांत के लिए 26-27 नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है। इस डील के लिए फ्रांस की कंपनी दस्सो एविएशन के राफेल एम और अमेरिकी कंपनी बोइंग F/A-18 सुपर हॉर्नेट के बीच मुकाबला है।

Vivek Kumar | Published : Feb 9, 2022 1:40 PM IST / Updated: Feb 09 2022, 07:25 PM IST

 नई दिल्ली। भारतीय नौ सेना (Indian Navy) को अपने नए विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) के लिए 26-27 नए लड़ाकू विमानों की जरूरत है। इस डील के लिए फ्रांस की कंपनी दस्सो एविएशन के राफेल एम (Rafale M) और अमेरिकी कंपनी बोइंग F/A-18 सुपर हॉर्नेट के बीच मुकाबला है। 

एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट होने वाले दोनों विमानों की गिनती दुनिया के सबसे घातक फाइटर जेट्स में होती है। पिछले दिनों राफेल के समुद्री संस्करण का गोवा में सफल उड़ान परीक्षण किया गया था। इसके लिए परिस्थितियां ठीक वैसी ही बनाई गई थीं जैसी स्वदेश विकसित विमान वाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर होती हैं। मार्च में ऐसा ही टेस्ट F/A-18 सुपर हॉर्नेट के साथ किया जाएगा।

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परमाणु हमला भी कर सकता है राफेल
राफेल दो इंजन वाला लड़ाकू विमान है। हवा से जमीन या समुद्र की सतह पर हमला, जासूसी या परमाणु हमला, यह कई तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है। राफेल विमान के नेवल वर्जन का इस्तेमाल फ्रांस की नौ सेना करती है। भारत ने वायु सेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल विमान खरीदा है। राफेल के नेवल वर्जन में 13 हार्डप्वाइंट्स हैं। इनकी मदद से यह विमान अपने साथ 13 मिसाइल या बम लेकर उड़ सकता है।

राफेल विमान को हवा से हवा में मार करने वाले माइका, मैजिक, साइड वाइंडर, ASRAAM और ARMAAM मिसाइल से लैस किया जा सकता है। जमीन पर हमला करने के लिए यह अपाचे, AS30L, ALARM, HARM, Maverick और PGM100 मिसाइल का इस्तेमाल करता है। समुद्र में मौजूद युद्धपोत को निशाना बनाने के लिए यह Exocet/AM39, Penguin 3 और Harpoon एंटी शिप मिसाइल दागता है। राफेल में एक 30mm का तोप भी लगा है जो  2,500 राउंड प्रति मिनट की रफ्तार से फायर करता है। राफेल में RBE2 पैसिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड राडार लगा है। यह एक बार में आठ टारगेट को ट्रैक कर सकता है।

बोइंग ने  F/A-18 सुपर हॉर्नेट किया है ऑफर
अमेरिकी कंपनी बोइंग ने F/A-18 सुपर हॉर्नेट के ब्लॉक तीन वर्जन का ऑफर भारतीय नौ सेना को दिया है। यह अमेरिकी नौ सेना का मुख्य लड़ाकू विमान है। राफेल के तरह इसमें भी दो इंजन लगे हैं। इसके पंखों की चौड़ाई 44 फीट 8 इंच है। फोल्ड होने पर यह घटकर 30 फीट 7 इंच रह जाती है। हवाई लड़ाई हो या समुद्र या जमीन पर स्थित टारगेट को तबाह करना, यह विमान हर तरह के मिशन को अंजाम दे सकता है। यह अपने साथ हवा से हवा में मार करने वाले AIM-9 साइड वाइंडर, AIM-7 स्पैरो और AIM-120 AMRAAM मिसाइल लेकर उड़ान भरता है। हवा से जमीन पर मार करने के लिए इसके पास AGM-65 मैवरिक, SLAM-ER, AGM-88 HARM एंटी रेडिएशन मिसाइल और AGM-154 JSOW मिसाइल हैं। समुद्री युद्धपोत के खिलाफ यह AGM-84 हार्पून मिसाइल का इस्तेमाल करता है।

 

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