ईरानी प्लेन में बम की खबर से हड़कंप, लेकिन पायलट ने जयपुर-चंडीगढ़ में उतरने से कर दिया मना, PAK से मिली थी खबर

भारत के एयरस्पेस से गुजर रहे एक ईरानी विमान में बम की खबर से हड़कंप मच गया। इस सूचना के बाद विमान को जयपुर और फिर चंडीगढ़ में लैंडिंग का विकल्प दिया गया था, लेकिन पायलट ने इनकार कर दिया। इसके बाद विमान चीन के एयरस्पेस की ओर रवाना हो गया। हालांकि बाद में बम की सूचना अफवाह निकली।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 3, 2022 7:05 AM IST / Updated: Oct 03 2022, 02:11 PM IST

नई दिल्ली. भारत के एयरस्पेस से गुजर रहे एक ईरानी विमान में बम की खबर से हड़कंप मच गया। इस सूचना के बाद विमान को जयपुर और फिर चंडीगढ़ में लैंडिंग का विकल्प दिया गया, लेकिन पायलट ने इससे इनकार कर दिया। इसके बाद विमान चीन के एयरस्पेस की ओर रवाना हो गया। विमान ईरान से चीन जा रहा था।  भारतीय जेट्स ने इसे एस्कॉर्ट करते हुए भारतीय सीमा से बाहर तक छोड़ दिया। ईरानी विमान भारतीय एयरस्पेस से होता हुआ म्यांमार और फिर अपने गंतव्य चीन की तरफ चला गया। जानकारी के मुताबिक, विमान में बम होने की खबर दिल्ली एयर ट्रैफिक कंट्रोल को लाहौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मिली थी। यह जानकारी मिलते ही दिल्ली एयरपोर्ट और भारत की वायुसेना अलर्ट हो गई थी। करीब 45 मिनट तक ईरानी विमान भारत के एयरस्पेस में मंडराता रहा।

सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली में सुरक्षा एजेंसियों को ईरानी विमान में बम होने को लेकर इनपुट मिले थे। इसके बाद विमान को लैंडिंग के लिए दो विकल्प दिए गए थे। जब विमान ने लैंडिंग नहीं की, तब उसकी निगरानी के लिए एयरफोर्स के सुखोई फाइटर जेट लगाए गए। इन फाइटर जेट्स ने पंजाब और जोधपुर एयरबेस से उड़ान भरी थी। ATC सूत्रों के अनुसार, ईरान के तेहरान से चीन के ग्वांगझू के रास्ते में जाते हुए महान एयर ने दिल्ली हवाई अड्डे के ATC से संपर्क किया और दिल्ली में तत्काल लैंडिंग के लिए अनुमति मांगी। दिल्ली ATC ने विमान को जयपुर जाने का सुझाव दिया, फिर चंडीगढ़ का विकल्प दिया, लेकिन विमान के पायलट ने मना कर भारतीय हवाई क्षेत्र छोड़ दिया।

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यह है पूरा मामला
ईरानी रजिस्ट्रेशन वाली एक एयरलाइन पर बम की आशंका की सूचना मिली थी। उस समय यह विमान भारतीय हवाई क्षेत्र से गुजर रहा था। IAF के लड़ाकू विमानों को निगरानी के लिए उड़ाया गया विमान को जयपुर और फिर चंडीगढ़ में उतरने का विकल्प दिया गया था। हालांकि, पायलट ने दोनों में से किसी एक हवाईअड्डे पर जाने के लिए अपनी अनिच्छा जाहिर की। कुछ समय बाद तेहरान से बम की आशंका को खारिज कर दिया गया। इसके बाद विमान अपने अंतिम गंतव्य की ओर चला गया। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) और नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) के साथ संयुक्त रूप से निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार IAF द्वारा सभी कार्रवाई की गई। विमान करीबी रडार निगरानी में था। पूरे भारतीय हवाई क्षेत्र में वायु सेना भी अलर्ट रही।

डिप्टी चीफ फायर ऑफिस संजय तोमर ने कहा-हमें 9:25 पर फायर कंट्रोल रूम पर इरानी एयरवेज की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली थी। SOP के तहत सहायक मंडल अधिकारी को वहां भेजा था। 10:05 पर एयर पोर्ट से ऑल क्लियर की सूचना मिली थी, जिसके बाद हम वापस आ गए। विमान तेहरान से चीन जा रहा था। आपातकालीन लैंडिंग की स्थिति में हम हवाई अड्डा प्राधिकरण की गाड़ियों के साथ अपनी गाड़ियां रन वे के पास तैनात कर देते हैं। सहायक मंडल अधिकारी के साथ हमारी 2 गाड़ियां थीं और बाद में जैसी जरूरत होती हम और गाड़ियां भेज देते।

एक खबर यह भी: फरहतुल्ला गौरी को गृहमंत्रालय ने आतंकी करार दिया
गृह मंत्रालय ने फरहतुल्ला गौरी उर्फ एफजी को आतंकी घोषित करार दिया है। मूल रूप से  हैदराबाद के कुरमागुडा इलाके का रहने वाले गौरी का हाल में सुरक्षा एजेंसियों ने स्कैच बनाकर जारी किया है। गौरी 1994 में भारत से सऊदी अरब भाग गया था। माना जाता है कि वो 2015 में पाकिस्तान पहुंचा। वहां आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हो गया। इस पर भारत में टेरर फंडिंग का आरोप है।

सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को बरगलाता था
जांच एजेसियों को पता चला था कि गौरी सोशल मीडिया के जरिए भारत के मुस्लिम युवाओं को गुमराह कर आतंकवादी संगठनों से जुड़वाता था। उसे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का फाइनेंसर भी माना जाता है। गौरी टेलीग्राम, यूट्यूब व फेसबुक पर भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।

पाकिस्तान में होने की सूचना 
गृह मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार गौरी इस समय पाकिस्तान में है। वह प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों, लश्कर-ए-तैयबा व जैश का एक प्रमुख सदस्य बताया गया है। गृहमंत्रालय ने उसे यूएपीए कानून के तहत आतंकवादी करार दिया है। भारत सरकार ने जिन 38 कट्टर आतंकवादियों की लिस्ट जारी की है, गौरी उसमें18 वें स्थान पर है। भारत सरकार को उसकी कई आतंकी मामलों में तलाश है। गौरी कई दशकों से सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर रहा है। हालांकि आज तक उसकी कोई फोटो नहीं मिल पाई है। गौरी मुस्लिम कट्टरपंथी संगठन दर्सगाह-ए-शहदत (डीजेएस) से भी जुड़ा है। गौरी को लोग सरदार साहब भी कहते हैं।

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