तमिलनाडु के 17 साल के कंप्यूटर प्रोग्रामर द्वारा बनाए गए Bots से दी गई स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी

बेंगलुरु और भोपाल के कई बड़े स्कूलों को तमिलनाडु के 17 साल के कंप्यूटर प्रोग्रामर द्वारा बनाए गए Bots की मदद से बम से उड़ाने की धमकी भेजी गई थी। मामले की जांच कर रही पुलिस को शक है कि इसके पीछे किसी विदेशी का हाथ हो सकता है।

भोपाल। तमिलनाडु के एक 17 साल के कंप्यूटर प्रोग्रामर ने एक बॉट्स (Bots) विकसित किया था। इस बॉट्स के चलते वह मुश्किल में पड़ गया है। बॉट्स का इस्तेमाल बेंगलुरु और भोपाल के कई बड़े स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी भेजने के लिए किया गया था। 

12वीं क्लास के छात्र ने एक विदेशी के लिए बॉट बनाया था, जिसके लिए उसे बिटकॉइन में 200 डॉलर मिले थे। बाद में अज्ञात क्लाइंट द्वारा कई ईमेल आईडी संचालित करने के लिए बॉट्स का उपयोग किया गया। मध्य प्रदेश पुलिस ने जांच में मदद की मांग करते हुए किशोर को नोटिस दिया है।

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भोपाल के डीसीपी क्राइम अमित कुमार ने कहा कि हमने अपनी टीमों को तमिलनाडु भेजा है। जांच में हमारी मदद करने के लिए किशोर को नोटिस दी गई है। वास्तविक अज्ञात आरोपी एक विदेशी नागरिक हो सकता है, जिसने भोपाल और बेंगलुरु में स्कूलों को मेल भेजने के लिए तमिलनाडु के किशोर द्वारा होस्ट किए गए बॉट्स का इस्तेमाल किया था। 

अप्रैल और मई में भेजे गए थे ईमेल 
अमित कुमार ने कहा कि कई ईमेल आईडी संचालित करने के लिए विकसित बॉट्स का उपयोग करके अप्रैल में बेंगलुरु के स्कूलों को बम की धमकी वाले ईमेल भेजे गए थे। इसी तरह के ईमेल मई में भोपाल के ग्यारह प्रमुख स्कूलों को भेजे गए थे। भोपाल के स्कूलों को भेजे गए ईमेल फर्जी निकले, लेकिन बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वॉड (बीडीडीएस) की पूरी टीम को घंटों व्यस्त रखा। हमारी टीमों द्वारा बाद की जांच से पता चला कि ईमेल का आईपी एड्रेस सलेम निवासी लड़के का था। हमारी टीम दो दिनों में किशोर का पता लगाने में कामयाब रही।

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क्या है बॉट्स
बता दें कि बॉट्स एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है, जो इंटरनेट पर स्वचालित काम करता है। इसका इस्तेमाल आमतौर पर बड़े पैमाने पर मैसेज भेजने जैसे काम में होता है। एक इंटरनेट बॉट क्लाइंट-सर्वर मॉडल में क्लाइंट की भूमिका निभाता है जबकि सर्वर की भूमिका आमतौर पर वेब सर्वर द्वारा निभाई जाती है। इंटरनेट बॉट ऐसे कार्य करने में सक्षम हैं जो सरल और दोहराव वाले हैं।

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