सार

जम्मू कश्मीर के आतंकवादी और जेकेएलएफ लीडर यासीन मलिक को टेरर फंडिंग के मामले में भी दोषी पाया गया है। एनआईए कोर्ट इस मामले में अब 25 मई को फैसला सुनाएगी। बता दें कि यासीन मलिक 4 एयरफोर्स अफसरों की हत्या में भी शामिल था। 

Yasin Malik convicted in Terror Funding Case: जम्मू कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहे यासीन मलिक को टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया है। NIA कोर्ट इस मामले में 25 मई को फैसला सुनाएगा। बता दें कि यासीन मलिक (Yasin Malik) ने 10 मई को खुद अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा था कि वो कश्मीर घाटी में आतंकी वारदातों में शामिल था। यासीन मलिक ने पटियाला हाउस कोर्ट की एनआईए कोर्ट में अपनी गलती स्वीकार करते हुए कोर्ट से कानून के मुताबिक सजा देने की बात कही थी। 

कौन है यासीन मलिक : 
यासीन मलिक (Yasin Malik) का जन्म 3 अप्रैल 1966 को मैसुमा, श्रीनगर में हुआ था। यासीन मलिक एक आतंकी है। वो जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का अध्यक्ष और अलगाववादी नेता है, जो पाकिस्तान के इशारे पर काम करता था। यासीन मलिक 90 के दशक में कश्मीर में हुए कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार और पलयान में शामिल था। यासीन मलिक पर कश्मीर में आतंकवाद का समर्थन करने का भी आरोप है। इसके अलावा वो भारत में टेरर फंडिंग के मामले में भी दोषी है। इतना ही नहीं, यासीन मलिक पर मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के अपहरण का भी आरोप लगा था। 

1990 में करवाई थी 4 एयरफोर्स अफसरों की हत्या : 
जनवरी, 1990 में यासीन मलिक (Yasin Malik) कश्मीर के रावलपोरा में एयरफोर्स के 4 अफसरों की हत्या में भी शामिल था। यासीन मलिक ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फोर्स के आतंकियों के साथ इंडियन एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना समेत 4 अफसरों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 

यासीन मलिक को हो सकती है उम्रकैद की सजा : 
यासीन मलिक (Yasin Malik) के खिलाफ कई धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं। इनमें गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) की धारा 16 (टेररिस्ट एक्ट), धारा 17 (टेररिस्ट एक्ट के लिए फंडिंग करना), धारा 18 (टेररिस्ट एक्ट की साजिश रचना) और धारा 20 (आतंकवादी गिरोह का मेंबर होना) सहित आईपीसी की धारा 120-B (आपराधिक साजिश) और 124-A (राजद्रोह) भी शामिल है। इनके तहत यासीन मलिक को उम्रकैद की सजा हो सकती है। 

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