इधर महंगाई के विरोध में हाथी पर बैठकर निकले सिद्धू , उधर रोड रेज मामले में SC ने सुना दी 1 साल की सजा

पंजाब की राजनीति में अपनी साख खो चुके नवजोत सिंह सिद्धू ने 19 मई को पटियाला में महंगाई के खिलाफ हाथी पर बैठकर प्रदर्शन किया। इस दौरान वे हाथी से उतरते समय संभलकर बैठे रहे, ताकि गिर न पड़ें। सिद्धू को नीचे उतारने हाथी को बैठाने महावत ने उसे लकड़ी से कुरेदा। उधर, रोड रेज मामले में सिद्धू को 1 साल की सजा सुनाई गई है। देखिए वीडियो...

Amitabh Budholiya | Published : May 19, 2022 8:29 AM IST / Updated: May 19 2022, 03:40 PM IST

पटियाला. यह करीब दो महीने पुरानी बात है, जब पंजाब कांग्रेस में कलह चरम पर थी। विधानसभा चुनाव में बुरी तरह मुंह की खाने के बाद कांग्रेस नेता एक-दूसरे पर छींटाकशी करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। जब कांग्रेस सांसद ने कहा था कि पंजाब में गधों ने हरवा दिया। वहीं, सीनियर नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा था कि पंजाब में पार्टी को अरबी घोड़े दौड़ाना चाहिए। इस पर सिद्धू ने पलटवार करते हुए खुद के हाथी बताया था। आज(19 मई) को यही सिद्धू महंगाई का विरोध(protest against inflation) करने हाथी पर बैठकर निकले। लेकिन इस बीच हाथी को महावत का अत्याचार झेलना पड़ा। इस बीच 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदल दिया है। इस मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें जल्द सरेंडर करना होगा, वर्ना पंजाब पुलिस अरेस्ट करेगी। इस मामले में नवजोत सिद्धू ने प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया कि उन्हें कानून का फैसला स्वीकार है। 

बैठ नहीं रहा था हाथी, महावत ने नुकीली लकड़ी से कुरेदा
इस प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं। इसमें देख सकते हैं कि हाथी जब बैठ नहीं रहा था, तब महावत ने नुकीली लकड़ी से उसे कुरेद-कुरेदकर बैठाया। इस बीच सिद्धू गिरने से बचने अपना संतुलन बनाते देखे गए। इस मौके पर सिद़्धू ने हाथी की तुलना महंगाई से की। सिद़्धू ने पंजाबी में कहा कि जितना बड़ा हाथी है, उसी तरीके से महंगाई बढ़ रही है। खाने का कच्चा तेल 75 से 190 रुपए(लीटर) हो गया। दाल 80 से 130 रुपए हो गई। इतने में तो मुर्गा आ जाता। मुर्गा-दाल एक बराबर। इसका असर गरीब, मिडिल क्लास और किसानों पर पड़ा है। यह एक प्रतीक प्रदर्शन है। केंद्र के अलावा पंजाब की AAP सरकार के विरोध में निकले सिद्धू के हाथी के साथ कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं था। इस प्रदर्शन को लेकर twitter पर कुछ कमेंट्स भी आए। जैसे-गंभीर नौटंकी आप हैं। क्या इसे चिंतन शिविर कहते हैं? मुर्गा भी 250 रुपए हो गया।

pic.twitter.com/sWmu7qqqP0

1998 के रोड रेज मामले में सिद्दधू को एक साल की सजा
इस बीच 1988 के रोड रेज मामले(1988 road rage case) में नवजोत सिंह सिद्धू को 1,000 रुपये के जुर्माने से मुक्त करने के अपने आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। इसमें सिंह सिद्धू को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पुराना आदेश बदलकर उन्हें 1 साल कैद की सजा सुनाई है। क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू को हत्या के आरोपों से बरी कर दिया गया था, क्योंकि मृतक को स्वेच्छा से चोट पहुंचाने का दोषी ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट 12 सितंबर, 2018 को मामले में सिद्धू पर 1,000 रुपये का जुर्माना लगाने के अपने 15 मई, 2018 के आदेश की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हुआ था। सिद्धू और उनके दोस्त रूपिंदर सिंह संधू पर शुरू में हत्या का मुकदमा चलाया गया था, हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने फैसले को उलट दिया था। बता दें कि इस मामले में पिटाई के बाद बुजुर्ग की मौत हो गई थी। सिद्धू अगर अब सरेंडर नहीं करेंगे, तो उन्हें अरेस्ट किया जाएगा। 

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