राज्यों के विकास का बहिष्कार जैसा है नीति आयोग की बैठक में शामिल ना होना, पढ़ें अब तक हुई 7 बैठकों में लिए गए बिग डिसीजन

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक में दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल, पंजाब और तेलंगाना जैसे राज्यों के मुख्यमंत्री ने हिस्सा नहीं लिया। बैठक का बहिष्कार राज्यों के विकास का बहिष्कार जैसा होता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की आठवीं बैठक (NITI Aayog Governing Council Meetings) हुई। इसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना के सीएम केसीआर और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने हिस्सा नहीं लिया।

एक्सपर्ट्स के अनुसार नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठकों में शामिल नहीं होना राज्यों के विकास के बहिष्कार के समान है। इन बैठकों में जनता के हित में फैसले लिए जाते हैं। आज होने वाली बैठक में विकसित भारत@2047, MSMEs पर जोर, इंफ्रास्ट्रक्चर और निवेश, कम से कम अनुपालन (कोई उद्योग या काम शुरू करने के लिए जरूरी सरकारी अनुमति), महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और पोषण, कौशल विकास व एरिया डेवलपमेंट और सामाजिक बुनियादी ढांचे के लिए गति शक्ति जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

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नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पिछली सात बैठकों में लिए गए ये फैसले

पहली बैठक के एक्शन पॉइंट: शहरी नियोजन, मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, कौशल, शहरी रोजगार और माइग्रेशन जैसे मुद्दों को हल करने के लिए राज्यों को आधुनिक शहरी विकास मॉडल विकसित करना चाहिए। ईज ऑफ लिविंग और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का लाभ उठाना चाहिए।

ये एक्शन लिए गए: - 1- 2,530 शहरों में ऑनलाइन बिल्डिंग परमिट सिस्टम लागू।

2- 10 राज्यों ने TOD (Transit Oriented Development) नीति लागू की।

3- NUDM के तहत अखिल भारतीय ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर विकसित किया गया। यह ऑनलाइन 9 सेवाएं देता है।

4-सिटी फाइनेंस रैंकिंग पोर्टल को 20 मार्च 2023 को लाइव किया गया।

5- शहरी प्रशासन के कार्यक्रमों का डेटा पीएम गति शक्ति पोर्टल के साथ एकीकृत किया गया।

दूसरी बैठक के एक्शन पॉइंट: ऑप्टिक फाइबर केबल और 5जी जैसे राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे की स्थापना के लिए जरूरी बुनियादी ढांचा तैयार किया जाए। इसके लिए जल्द मंजूरी दी जाए। इससे दूर-दराज में रहने वाले लोगों तक सेवाओं को पहुंचाया जाए।

ये एक्शन लिए गए: 1- 5जी सेल तैनात किया गया। इंडियन टेलीग्राफ राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) नियम, 2016 को 17 अगस्त 2022 को संशोधित किया गया।

2- मई 2022 में "गतिशक्ति संचार पोर्टल" लॉन्च किया गया।

3- सभी ग्राम पंचायतों में ब्रॉडबैंड की सुविधा देने के लिए भारतनेट को लागू किया जा रहा है।

4- मार्च 2023 तक 6.2 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जा चुकी है। 1.96 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) से जोड़ा जा चुका है।

तीसरी बैठक के एक्शन पॉइंट: कृषि विश्वविद्यालयों सहित सभी विश्वविद्यालयों के लिए NIRF रैंकिंग अनिवार्य की जा सकती है। सभी उच्च शिक्षा संस्थानों को NAAC और NIRF से जुड़ना चाहिए। उनकी रैंकिंग में सुधार के प्रयास किए जाने चाहिए।

ये एक्शन लिए गए: 1- उच्च शिक्षा संस्थानों के रजिस्ट्रेशन के लिए NIRF पोर्टल खोला गया। इसकी मदद से India Rankings 2023 होगी।

2- 67 में से 64 कृषि विश्वविद्यालयों ने NIRF रैंकिंग के लिए आवेदन किया। अन्य आवेदन की प्रक्रिया में हैं।

3- सभी कृषि विश्वविद्यालयों ने नैक में शामिल होने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कुछ पहले ही शामिल हो चुके हैं।

चौथी बैठक के एक्शन पॉइंट: खेती में विविधता लाने के लिए प्रयास किए जाएं ताकि खेती की व्यवहार्यता में सुधार हो। इससे किसानों के कल्याण को बढ़ावा मिलेगा। कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एफपीओ का लाभ उठाया जाए। कच्चे माल के निर्यात के बजाय कृषि में वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स के निर्यात पर जोर दिया जाए।

ये एक्शन लिए गए: 1- राज्य क्लस्टर दृष्टिकोण के आधार पर कृषि पारिस्थितिक क्षेत्र आधारित योजना पर ध्यान केंद्रित किया गया । मध्य प्रदेश, हरियाणा, केरल, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, ओडिशा में ऐसी योजनाएं लागू की गई गईं।

2- कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा के समन्वय से एफपीओ के लिए हैंडहोल्डिंग और समर्थन शुरू किया गया। अरब देशों को शिमला मिर्च, चेरी टमाटर और ब्रोकली का निर्यात शुरू हुआ। वहीं, यूरोपीय देशों को हरी मिर्च और भिंडी का निर्यात किया गया।

4- वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स का निर्यात बढ़ा। जैसे दालें 359 से 662 मिलियन अमरीकी डालर (98%), सब्जियां 412 से 509 मिलियन अमरीकी डालर (33.25%), फल और रस 778 से 908 मिलियन अमरीकी डालर (26.08%) ), मूंगफली 629 से 832 मिलियन अमरीकी डालर (43.39%) तक पहुंचा।

पांचवीं बैठक के एक्शन पॉइंट: 2023 में G20 की अध्यक्षता भारत कर रहा है। सभी राज्यों को इस अवसर का लाभ अपने उत्पादों, संस्कृति और पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए करना चाहिए।

ये एक्शन लिए गए: 1- G20 की बैठकें भारत के 59 शहरों में आयोजित की जा रही हैं, जिसमें सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं।

2- स्थानीय उत्पादों को राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।

3- राज्य सरकारों के साथ सक्रिय समन्वय के साथ जनभागीदारी गतिविधिय शुरू हुईं। 75 विश्वविद्यालयों में जी20 व्याख्यान सीरीज, MyGov के माध्यम से जी20 को जानिए प्रश्नोत्तरी, जी20 स्कूल कनेक्ट ब्रोशर का प्रसार और नई दिल्ली में जी20 पर प्रदर्शनी जैसे कार्यक्रम हुए।

छवीं बैठक के एक्शन पॉइंट: पिछले वर्ष की इसी अवधि में एकत्रित राजस्व की तुलना में वित्त वर्ष 2023 में 50% वृद्धि दर्ज करने का लक्ष्य तय किया गया। जीएसटी संग्रह में और सुधार करने का प्रयास करने को लेकर चर्चा की गई।

ये एक्शन लिए गए: 1- अप्रैल 2023 के महीने में सकल GST राजस्व ₹1,87,035 करोड़ तक पहुंचा है।

2- अप्रैल 2023 के महीने का राजस्व पिछले साल इसी महीने में जीएसटी राजस्व से 12% अधिक है।

सातवीं बैठक के एक्शन पॉइंट: सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा एनसीएफ (National Curriculum Framework) अपनाने सहित एनईपी के कार्यान्वयन के लिए स्पष्ट और समयबद्ध रोडमैप पर चर्चा।

ये एक्शन लिए गए: 1- एनईपी 2020 के कार्यान्वयन के लिए कार्यनीति और रोडमैप पर चर्चा करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ परामर्श हुआ।

2 स्कूली शिक्षा के लिए एनसीईआरटी के विद्या प्रवेश मॉड्यूल 2022-23 को 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया।

3- राज्यों ने इस बात की पहल ही है कि स्कूलों में कोई प्रॉक्सी शिक्षक नहीं होंगे।

4- उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एबीसी (अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट) पोर्टल स्थापित किया गया है। लगभग 889 विश्वविद्यालय इससे जुड़े और 81 लाख छात्र पंजीकृत हुए।

5- स्कूल, कौशल और उच्च शिक्षा के नियामकों द्वारा संयुक्त रूप से विकसित नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (एनसीआरएफ) को 10 अप्रैल 2023 को जारी किया गया। इसमें शैक्षणिक ग्रेड, कौशल कार्यक्रम और प्रासंगिक अनुभव से क्रेडिट शामिल हैं।

6-नेशनल हायर एजुकेशन क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NHEQF) 11 मई 2023 को जारी किया गया।

7- ओडीएल और ऑनलाइन प्रोग्राम रेगुलेशन 2020 जारी हुआ। यह 66 एचईआई 371 पूर्ण विकसित ऑनलाइन कार्यक्रमों की पेशकश करता है। 19 लाख से अधिक छात्र इन सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं।

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