एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स, कमर्शियल पायलट्स, केबिन क्रू और अन्य कर्मियों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट (BAT) जारी रहेगा। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश दिया है। कोर्ट ने कोरोना के खतरे को देखते हुए छूट देने से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स, कमर्शियल पायलट्स, केबिन क्रू और अन्य कर्मियों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट (BAT) जारी रहेगा। भारत के विमानन नियामक डीजीसीए (Director General of Civil Aviation) ने एविएशन सेक्टर से जुड़े लोगों के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट जरूरी होने संबंधी गाइडलाइन किया था।
इस गाइडलाइन को कोरोना महामारी को देखते हुए जारी किया गया था। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह ने मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने कोरोना महामारी से पहले के प्रोटोकॉल के अनुसार ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट करने वाले सभी कर्मियों के लिए रैपिड एंटिजन टेस्ट अनिवार्य बना रहेगा। अगर यह टेस्ट नहीं किया गया तो इस बात का खतरा रहेगा कि कोई डॉक्टर या नर्स कोरोना संक्रमित हो और उससे दूसरों को संक्रमण फैल जाए।
डीजीसीए मिली आवेदन करने की छूट
दरअसल, हाईकोर्ट ने 11 मई 2021 को आदेश दिया था कि एक घंटे में केवल छह कर्मियों का ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया जाएगा। कोरोना काल के बाद हवाई यातायात में वृद्धि हुई है। कोरोना संक्रमण के मामलों में भी कमी आई है। इसे देखते हुए कोर्ट ने अपने आदेश को संशोधित करते हुए एक घंटे में छह कर्मियों की जांच को समाप्त कर दिया है। कोर्ट ने डीजीसीए को बाद के चरण में किसी अन्य संशोधन के लिए आवेदन करने की छूट दी है।
जारी रहेगा ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट
कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि डीजीसीए द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन जारी रहेगा। एटीसी के कर्मचारियों, पायलटों, केबिन क्रू और अन्य स्टाफ के लिए ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट डीजीसीए द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर COVID-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए जारी रहेगा।
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डीजीसीए ने कोर्ट को बताया कि कोरोना संक्रमण घटने और 100 प्रतिशत सामान्य एयरलाइन संचालन फिर से शुरू होने के कारण हवाई यातायात में वृद्धि हुई है। इसके चलते उसने इस साल की शुरुआत में 50 प्रतिशत नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। कॉकपिट क्रू मेंबर और केबिन क्रू मेंबर का रैंडम प्री-फ्लाइट बैट टेस्ट के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है।
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