लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने एकला चलो की राह पकड़ ली है। उन्होंने सोमवार को कहा कि हमारी पार्टी चुनाव से पहले किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी।
नई दिल्ली। बीएसपी (Bahujan Samaj Party) प्रमुख मायावती ने सोमवार को एक बार फिर स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बसपा न एनडीए में शामिल होगी और न इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनेगी।
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि वह एकला चलो के रास्ते पर बढ़ेंगी। उन्होंने कहा, "बीएसपी किसी के साथ गठबंधन में नहीं जाएगी। हम चुनाव बाद गठबंधन के लिए अपने विकल्प खुले रखेंगे।"
गठबंधन से बसपा को नुकसान होता है
मायावती ने बताया कि जब भी उनकी पार्टी ने किसी दल के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा है नुकसान उठाना पड़ा है। वोट शेयर में कमी आई। बसपा अपने वोट गठबंधन के सहयोगी दल को पूरी तरह ट्रांसफर कर देती है, लेकिन हमें सहयोगी पार्टी के वोट नहीं मिलते हैं। जब भी बसपा उत्तर प्रदेश में किसी अन्य पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ती है तो उसे लाभ से ज्यादा नुकसान होता है।
चुनाव के बाद गठबंधन पर कर सकते हैं विचार
मायावती ने कहा, "गठबंधन हमारे लिए कभी फायदेमंद नहीं रहा है। इससे हमें नुकसान ज्यादा होता है। इसी वजह से देश की ज्यादातर पार्टियां बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती हैं। मैं अकेले ही चुनाव लड़ूंगी। अगर संभव हुआ तो चुनाव के बाद गठबंधन पर विचार किया जा सकता है। हमारी पार्टी चुनाव के बाद जरूरत होने पर समर्थन दे सकती है।"
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केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि गरीबी को गरीबी से ऊपर उठाने की जगह उन्हें गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। सत्ताधारी पार्टी के लोग मुफ्त में राशन देकर उन्हें अपना 'गुलाम' बनाना चाहते हैं। लोगों को गरीबी से ऊपर उठाने और उन्हें रोजगार देने की जगह केंद्र और राज्य (यूपी) सरकारें उन्हें मुफ्त राशन देकर अपना पेट भरने की कोशिश कर रही हैं। यूपी में हमारी सरकार ने लोगों को सशक्त बनाने के लिए रोजगार दिया था।
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