NDA की बैठक में बोले PM- यह दशक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दशक की तरह अहम, इसमें भारत निभाएगा अहम भूमिका

संसद के बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता की। पीएम ने कहा, किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। उन्होंने कहा कि वो नरेंद्र तोमर की कही बात को दोहराना चाहेंगे। भले ही सरकार और किसान आम सहमति पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन वो किसानों के सामने विकल्प रख रहे हैं। वो इस पर चर्चा करें। किसान और उनके बीच बस एक कॉल की दूरी है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 30, 2021 9:12 AM IST / Updated: Jan 30 2021, 08:25 PM IST

नई दिल्ली. संसद के बजट सत्र के दौरान पीएम मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक और एनडीए के घटक दलों की बैठक की अध्यक्षता की। सर्वदलीय बैठक में पीएम ने कहा, किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। उन्होंने कहा कि वो नरेंद्र तोमर की कही बात को दोहराना चाहेंगे। भले ही सरकार और किसान आम सहमति पर नहीं पहुंचे हैं, लेकिन वो किसानों के सामने विकल्प रख रहे हैं। वो इस पर चर्चा करें। किसान और उनके बीच बस एक कॉल की दूरी है।

बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्यराज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए। मीटिंग में बजट सत्र सुचारु रूप से चले और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में सभी विपक्षी दल शामिल होने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई।

कृषि समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार

सरकार की तरफ से सभी विपक्षी दलों को आश्वस्त किया गया है कि सरकार कृषि संबंधित कानूनों समेत सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। इससे पहले बजट सत्र के पहले दिन विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था, इसलिए सरकार की कोशिश है कि बजट सत्र में हंगामा ना हो। 

यह दशक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दशक की तरह अहम- एनडीए की बैठक में पीएम मोदी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ट्वीट कर बताया कि एनडीए की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा, कोरोना महामारी के बाद, एक नई विश्व व्यवस्था आकार लेने वाली है और इस नई व्यवस्था में भारत को बड़ी भूमिका निभानी है।

पीएम ने कहा, यह दशक द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के दशक की तरह ही बहुत अहम है। इस बार हम पहले की तुलना में एक दर्शक के रूप में नहीं जा रहे हैं। इस बार हम अपनी परंपराओं और वसुधैव कुटुम्बकम के आदर्शों के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

बैठक में हनुमान बेनावील नहीं हुए शामिल    

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया था कि वह सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा था कि किसानों के आंदोलन के प्रति समर्थन जताने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया।

इसके अलावा लोजपा के प्रमुख चिराग पासवान इस बैठक में शामिल नहीं हुए। बताया जा रहा है कि चिराग की तबियत खराब है। उन्हें तेज बुखार है। उन्होंने कोरोना टेस्ट के लिए सैम्पल भी दिया है। ऑल पार्टी मीटिंग के अलावा NDA की बैठक में भी शामिल नहीं हो पाएंगे। 

सदन में कृषि कानूनों पर कब चर्चा होगी? 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने इसी तरह की मांग उठाई थी, लेकिन सरकार ने सुझाव दिया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के प्रस्ताव के धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया जा सकता है, जिसके लिए 2, 3, 4 फरवरी को लोकसभा में 10 घंटे का वक्त दिया गया है।

पांच-पांच घंटे की शिफ्ट में सदनों की बैठक

कोरोनोवायरस महामारी के बीच राज्यसभा और लोकसभा प्रत्येक पांच घंटे की शिफ्ट में बैठक कर रहे हैं ताकि सोशल डिस्टेंसिंग की शर्तों को पूरा किया जा सके। जहां राज्यसभा की बैठक सुबह होगी, वहीं लोकसभा की बैठक उसके बाद होगी।

अभिभाषण का विपक्ष ने किया था बहिष्कार

गौरतलब है कि शुक्रवार को संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से पहले विपक्ष के नेताओं ने जमकर हंगामा किया था। कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर संसद परिसर के भीतर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर धरना प्रदर्शन किया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी सांसदों का नेतृत्व किया था। 

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार साफ नजर आ रहे हैं। किसान आंदोलन, भारत-चीन मुद्दे, देश की गिरती अर्थव्यवस्था और व्हाटसअप चैट्स लीक मामले को लेकर विपक्षी दल सदन में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में हैं।

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