हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) के बाद वहां अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बीच अब शाहीन बाग सहित कई इलाकों में बुल्डोजर की एंट्री होने जा रह है। बता दें कि दिल्ली का शाहीन बाग नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) और नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर(National Register of Citizens-NRC) के खिलाफ हुए आंदोलन के कारण चर्चाओं में आया था।
नई दिल्ली. दिल्ली के कई इलाकों में एक बार फिर से अवैध अतिक्रमण पर बुल्डोजर चलने की तैयारी की जा रही है। हनुमान जयंती पर दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई हिंसा (Jahangirpuri violence) के बाद वहां अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के बीच अब शाहीन बाग सहित कई इलाकों में बुल्डोजर की एंट्री होने जा रही है। बता दें कि दिल्ली का शाहीन बाग नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 (CAA) और नागरिकों का राष्ट्रीय रजिस्टर(National Register of Citizens-NRC) के खिलाफ हुए आंदोलन के कारण चर्चाओं में आया था।
सड़क किनारे अतिक्रमण हटाया जाएगा
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, साउथ दिल्ली म्यूनिसिपल कार्पोरेशन( South Delhi Municipal Corporation-SDMC) के मेयर मुकेश सुर्यान ने कहा-शाहीन बाग, ओखला, तिलक नगर वेस्ट सहित कई वार्ड को चिह्नित किया गया है। मदनपुर खादर में भी अतिक्रमण देखा गया है। सड़क पर जो भी अतिक्रमण है, उसे हटाया जाएगा। जहां बिल्डिंग खड़ी हुई है वहां के लिए प्लान तैयार किया गया है और उसे भी आने वाले समय में हटाया जाएगा। विभाग को तारीखें बता दी गई हैं, एक महीने का प्लान दिया गया है। अतिक्रमण को हटाने के लिए MCD एक्ट के तहत पहले नोटिस नहीं दिया जाता है, लेकिन जहां लोगों ने बड़ी इमारत बना ली है वहां के लिए नोटिस तैयार किया जा चुका है जिसपर कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले उत्तरी दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह(North Delhi Mayor, Raja Iqbal Singh) भी कह चुके हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। कोर्ट के आदेश के बाद होगी कोई कार्रवाई। हालांकि उन्होंने साफ कहा कि अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई आगे भी चलती रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में 2 हफ्ते तक बुल्डोजर रोका, लेकिन देशभर में कार्रवाई पर बैन से किया था इनकार
20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर 2 हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी म्यूनिसिपल कार्पोरेशन ऑफ दिल्ली( MCD) की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया है कि अतिक्रमण की पहचान और नोटिस दिए बिना यह कार्रवाई की गई। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच यानी जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई इस मामले में सुनवाई की थी। सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रोक लगाने से इनकार किया था।
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