Bulli bai app बनाने वाले नीरज की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- इसने महिलाओं को अपमानित करने का काम किया

Published : Jan 30, 2022, 04:20 PM IST
Bulli bai app  बनाने वाले नीरज की जमानत याचिका खारिज, कोर्ट ने कहा- इसने महिलाओं को अपमानित करने का काम किया

सार

राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने बुल्ली बाई ऐप (Bulli bai app) बनाने वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशन जज धमेंद्र सिंह राणा ने कहा कि आरोपी ने एक विशेष समुदाय की महिलाओं को सार्वजनिक मंच पर अपमानित करने के लिए यह काम किया। 

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने बुली बाई ऐप बनाने वाले नीरज बिश्नोई की जमानत याचिका खारिज कर दी है। एडिशनल सेशन जज धमेंद्र सिंह राणा ने कहा कि आरोपी ने एक विशेष समुदाय की महिलाओं को सार्वजनिक मंच पर अपमानित करने के लिए यह काम किया। चूंकि इस तरह की हरकत ये सांप्रदायिक सद्भाव खराब हो सकता है। इसलिए वह जमानत पाने का अधिकारी नहीं है। 21 साल के आरोपी नीरज को असम के जोरहट से गिरफ्तार किया गया था।

इससे पहले 14 जनवरी को भी कोर्ट ने नीरज की जमानत याचिका खारिज की थी। बता दें कि नीरज बिश्नोई को दिल्ली पुलिस ने असम से गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने समुदाय विशेष की महिलाओं के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाया, जिसमें अपमानजनक और आपत्तिजनक सामग्री मौजूद थी। गौरतलब है कि नीरज ही बुली बाई ऐप का मास्टरमाइंड है। पुलिस का दावा है कि नीरज ने गिटहब पर बुली बाई ऐप बनाया था। उसके पास से जो मोबाइल और लैपटॉप से जब्त किये हैं, उससे इस बात की पुष्टि होती है।

1 जनवरी को सामने आया था मामला
यह मामला सबसे पहले एक जनवरी को सामने आया। इस ऐप के जरिये आरोपियों ने कई मुस्लिम महिलाओं के फोटो एडिट कर GitHub प्लेटफॉर्म पर बने 'बुली बाई ऐप' पर ऑक्शन के लिए डाले थे। इसमें उन महिलाओं को टारगेट किया गया था, जो सोशल रूप से काफी एक्टिव हैं। इनमें जर्नलिस्ट, एक्टिविस्ट और लॉयर शामिल हैं। इसके बाद वेस्ट मुंबई साइबर पुलिस स्टेशन में इस मामले में रविवार को अज्ञात आरोपी के खिलाफ IT एक्ट और IPC की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है। 

क्या है Bulli Bai App
'Bulli Bai' एक ऐसा एप्लिकेशन है जो Github एपीआई पर होस्ट किया जाता है और 'Sulli Deal' ऐप के समान काम करता है। ऐप मुस्लिम महिलाओं को सोशल मीडिया पर लोगों के लिए 'सौदे' के रूप में पेश करता है। जबकि बुल्ली बाई के ट्विटर हैंडल को निलंबित कर दिया गया है, इसके बायो में लिखा था, 'बुली बाई खालसा सिख फोर्स (KSF) द्वारा एक समुदाय द्वारा संचालित ओपन-सोर्स ऐप है।

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