सार
Rakesh Tikait Latest News : यूपी चुनाव पर एक टीवी न्यूज चैनल के कार्यक्रम में पीछे मंदिर-मस्जिद की तस्वीर देखकर राकेश टिकैत भड़क गए। उन्होंने मंदिर - मस्जिद को चुनावी मुद्दा बनाने का आरोप लगाया।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश (UP Assembly Election 2022 ) समेत पांच राज्यों के चुनावों से पहले किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait ) चर्चा में हैं। एक दिन पहले वे एक न्यूज चैनल के चुनावी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। इस दौरान मंच के बैकग्राउंड में मंदिर - मस्जिद की तस्वीर दिखने पर वे भड़क गए।
एंकर से काफी देर बहस, कहा - कार्यक्रम में मंदिर - मस्जिद की क्या जरूरत
टिकैत ने चैनल और एंकर पर अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि क्या मजबूरी है इसे दिखाने की? आप किसका प्रचार कर रहे हैं? किसके कहने से कर रहे हो ये काम? इस मंच पर लिखा था- कौन होगा यूपी का मुख्यमंत्री? एंकर ने कहा-क्या आप यह नहीं पढ़ पा रहे। इस पर टकैत ने कहा- मतलब मंदिर और मस्जिद दिखाओगे?' इतना बोलते-बोलते टिकैत की आवाज काफी तेज हो गई। इस दौरान एंकर और टिकैत के बीच काफी बहस हुई। एंकर और टिकैत के बीच तेज आवाज में बहस हो गई। इस बहस का वीडियो काफी वायरल हो गया। इसे लेकर लोग सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
लोगों ने कहा- हिंदुओं को समझना चाहिए कि ये उनसे कितनी नफरत करते हैं
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वायरल होने के बाद राकेश टकैत पर गुस्सा निकालते हुए एक यूजर ने कहा- मंदिर का विरोध कुछ हिंदुओं के गर्व की बात है। लेकिन अब तक नहीं समझा कि हिंदू बंटना है, इसीलिए कटता है। टिकैत की इस तरह की टिप्पणी से नाराज कुछ लोगों ने कहा- इसे इस मंच पर बुलाया ही क्यों। टिकैत की इस राजनीति पर भड़के लोगों ने कहा कि वह समर्थन पाने के लिए सब कुछ कर सकते हैं। एक यूजर ने कहा-हिंदुओं को देखना चाहिए कि राकेश टिकैत उनसे कितनी नफरत करते हैं। एक यूजर ने राकेश टिकैत को ढोंगी किसान नेता कहते हुए लिखा -26 जनवरी के बाद महिलाओं की तरह आंसू तो बहा रहा था। मैं पानी तभी पीयूंगा जब गांव से पानी आएगा। मोदी जी ने इसे छोड़ दिया वर्ना यह तभी यह सलाखों के पीछे होता। एक अन्य यूजर ने राकेश टिकैत को गुंडा बताया। कहा- वह समझ गया है कि एक साल तक सड़क जाम करके रखी। मोदी जी ने मेरा कुछ नहीं बिगाड़ा। 26 जनवरी को बदनाम किया। पुलिसकर्मिियों पर तलवार भांजी। तब भी मेरा कुछ नहीं बिगड़ा।
समर्थन में आए लोग बोले - टिकैत सही मुद्दे उठा रहे
कुछ लोगों ने राकेश टिकैत के मीडिया पर इस तरह आपा खोने को 'नैसर्गिक गुस्सा' करार दिया। टिकैत की तारीफ करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि 'गोदी मीडिया ने निपटने का यही तरीका है।' कुछ ने लिखा कि टिकैत असल मुद्दे उठा रहे हैं और मीडिया के 'छिपे हुए एजेंडा' को सामने ला रहे हैं। एक अन्य यूजर ने कहा- देश को मुद्दे से भटकाने की मुकम्मल तैयारी, भला डिबेट में मंदिर के बैक ग्राउंड लगाने का क्या मतलब है, सरकार विकास के नाम पर बनती है या धर्म के नाम पर? और पूछे जाने पर पत्रकार लाल हो रहे हैं ... क्योंकि टिकैत ने उनकी पोल खोल दी।
महिला रिपोर्टर से भी अभद्रता का लगा आरोप
राकेश टिकैत पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं। मीडिया के सवालों पर ठेठ भाषा में कई बार उलटे जवाब देते हैं। जब दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा था तो कई चैनलों के पत्रकारों ने राकेश टिकैत के बदसलूकी करने की बात कही थी। एक चैनल ने दावा किया था कि सवालों से परेशान होकर टिकैत ने उसकी महिला पत्रकार से अभद्रता की। टिकैत के साथ मौजूद लोग कई चैनलों की हूटिंग करते भी नजर आए थे।
मेरा एक वोट है, किसी को भी दे दूंगा
इस बीच रविवार को टिकैत ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा कि भारत सरकार ने दिल्ली में जो भी वादा किया है उसे पूरा करे। हम चुनाव से अलग हैं। हमारा एक मत है। हम भी किसी को दे देंगे। मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा। जनता सरकार से खुश होगी तो उन्हें वोट देगी, नाराज होगी तो किसी और को वोट देगी।
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