बुर्के वाली महिला ने सेना पर फेंका था पेट्रोल बम, अब सामने आया उसका हैरान करने वाला सच

जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां बढ़ने के साथ साथ वहां अलगाववादी गुटों ने भी सिर उठाना शुरू कर दिया है। सोपोर पुलिस ने एक अलगाववादी बुर्का वाली महिला को अरेस्ट किया है। 

Dheerendra Gopal | Published : Mar 31, 2022 11:48 PM IST

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में बुर्का पहन कर सुरक्षा बलों परहमला करने वाली महिला को अरेस्ट किया गया है। 
सोपोर में सुरक्षा बलों के एक बंकर पर पेट्रोल बम फेंकने वाली बुर्का पहने महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला की पहचान बारामूला निवासी हसीना अख्तर के रूप में हुई है। अरेस्ट की गई महिला कथित तौर पर प्रतिबंधित महिला अलगाववादी समूह दुख्तारन-ए-मिलत से जुड़ी है। पुलिस ने कहा कि वह पहले से ही यूएपीए के तहत तीन मामलों का सामना कर रही है।

मंगलवार को हुआ था सुरक्षा बलों पर हमला

सुरक्षा बलों पर हमला मंगलवार को किया गया था। हालांकि, यह मामला कैमरे में कैद कर लिया गया था। कैमरा में हमले का वीडियो कैद हो जाने के बाद वह सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हो गया था। 

क्या था वीडियो का सच?

बारामूला जिले के सोपोर शहर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शिविर के सीसीटीवी फुटेज में महिला को सड़क के बीच में रुकते हुए देखा जा सकता है। महिला, अपने साथ एक पर्स भी लेकर चल रही है। वह सोपोर में सीआरपीएफ के कैंप के पास पहुंचती है तो पर्स से कथित तौर पर बम निकालती नजर आ रही है। देखते ही देखते वह पर्स से निकाला गया कथित बम सीआरपीएफ कैंप पर फेंकती है। संयोग अच्छा था कि महिला का निशाना चूक गया और बम कैंप के बाहर ही रह गया। पुलिस ने कहा कि बम सुरक्षा बैरिकेड्स के बाहर गिरा था और इससे कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।

अलगाववादी समूह से जुड़ी है महिला

पेट्रोल बम हमले के तुरंत बाद, पुलिस ने कहा कि उन्होंने महिला की पहचान कर ली है। लेकिन वह दो दिनों तक गिरफ्तारी से बचने में सफल रही। कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी विजय कुमार ने कहा, "आतंकवादी घटना के बाद, वह गिरफ्तारी से बच रही थी, लेकिन आज सोपोर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और जांच जारी है।"

आईजी विजय कुमार ने कहा कि महिला प्रतिबंधित महिला अलगाववादी समूह दुख्तारन-ए-मिलत से जुड़ी थी और कुछ महीने पहले जमानत पर रिहा हुई थी। कुमार ने कहा कि महिला का पति भी पूर्व में पथराव में शामिल था और उसे जन सरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था।

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