Explainer: CAA कानून पूरे देश में लागू, पढ़ें नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ा हर सवाल-जवाब, जो सभी कन्फूजन कर देगा दूर

नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA 11 मार्च से पूरे देश में लागू हो चुका है। केंद्र सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके तहत अब पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के 6 अल्पसंख्यक समुदाय को भारत की नागरिकता मिल सकेगी। 

What is CAA: केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम यानी CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके साथ ही अब ये कानून पूरे देश में लागू हो चुका है। इस कानून के तहत तीन मुस्लिम बहुल पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) से आने वाले गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है। आइए आसान भाषा में सवाल-जवाब के जरिये समझते हैं क्या है CAA कानून।

सवाल नंबर 1- CAA क्या है?

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जवाब- 2019 में पारित CAA कानून पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले 6 अल्पसंख्यक समुदायों के प्रवासियों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है।

सवाल नंबर 2- CAA कानून किस पर लागू होता है?

CAA विशेष रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाया पर लागू होता है, जो धार्मिक उत्पीड़न के चलते 31 दिसंबर 2014 से पहले इन तीनों देशों से भारत चले आए थे।

सवाल नंबर 3- क्या CAA किसी भी भारतीय नागरिक (हिंदू, मुस्लिम, कोई भी) को प्रभावित करता है?

जवाब - नहीं, CAA कानून भारत में रह रहे मुसलमानों समेत किसी भी भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है।

सवाल नंबर 4- CAA कानून से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय को क्या फायदा होगा?

जवाब - CAA इन समुदायों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का कानूनी अधिकार देता है। कानून लागू होने के बाद इन देशों से आए गैरमुस्लिम शरणार्थियों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी।

सवाल नंबर 5- क्या CAA 6 अल्पसंख्यक समुदाय के अलावा विदेशियों पर भी लागू होता है?

जवाब - नहीं, CAA खासतौर पर 3 पड़ोसी देशों पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों पर ही लागू होता है।

सवाल नंबर 6- क्या इन तीन देशों के अलावा अन्य देशों में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार होने वाले अल्पसंख्यक CAA के तहत आवेदन कर सकते हैं?

जवाब - नहीं, ऐसे अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता पाने के लिए पहले से बने स्टैंडर्ड प्रॉसेस को फॉलो करने की जरूरत है।

सवाल नंबर 7- CAA कानून के तहत सिर्फ 3 देशों के अल्पसंख्यक ही क्यों?

जवाब - CAA कानून स्पेसिफिक स्टेट रिलीजन वाले पड़ोसी देशों में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों पर फोकस करता है। ऐसे देशों में अन्य धर्मों के अनुयायियों को खासतौर पर प्रताड़ित किया जाता है।

सवाल नंबर 8- क्या CAA कानून के तहत उत्पीड़न के अन्य रूप जैसे नस्ल, लिंग आदि भी कवर होते हैं?

जवाब - नहीं, CAA तीन पड़ोसी देशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए धार्मिक उत्पीड़न के मामलों को ही कवर करता है।

सवाल नंबर 9- CAA कानून के तहत 31 दिसंबर, 2014 के बाद भारत आए शरणार्थियों का क्या होगा?

जवाब - CAA कानून के तहत अभी उन लोगों को ही भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आ गए। ऐसे में हर किसी के मन में सवाल है कि जो इसके बाद आए हैं, उनका क्या होगा। अधिकारियों का कहना है कि सीएए की कटऑफ डेट बढ़ाई जा सकती है। हालांकि, अभी इस पर साफतौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।

सवाल नंबर 10- क्या भारत ने पहले कभी अन्य देशों के लोगों को नागरिकता की पेशकश की है?

जवाब - हां, भारत ने पहले विभिन्न समूहों को नागरिकता और पुनर्वास की पेशकश की है, जिनमें श्रीलंका के तमिल, बर्मा के लोग और 1970 के दशक में तख्तापलट के बाद युगांडा के लोग शामिल हैं।

ये भी देखें : 

क्यों जरूरी है CAA, जानिए देश में क्या-क्या बदल जाएगा?

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