दरियागंज में नागरिकता कानून के विरोध के दौरान हिंसा फैलाने वाले आरोपियों को कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दिया है। कोर्ट इस मामले में अब सुनवाई 7 जनवरी को करेगा।
नई दिल्ली. नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के दरियागंज में हुए हिंसा के मामले में पुलिस ने 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने कोर्ट में जमानत याचिका दायर की थी। जिस पर दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने 7 जनवरी तक टाल दिया है। गिरफ्तार आरोपियों की याचिका पर अब सुनवाई 7 जनवरी को कोर्ट द्वारा की जाएगी।
दिल्ली पुुलिस ने किया विरोध
दरियागंज में हिंसा फैलाने वालों को पुलिस ने पिछले शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि उक्त आरोपी पत्थरबाजी करने और आगजनी की घटना को अंजाम देने में शामिल थे। इस मामले में गिरफ्तार नौ आरोपियों की जमानत याचिका का दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को विरोध किया था।
1 चश्मदीद सहित हैं 19 गवाह
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के तरफ से कोर्ट में पेश वकील ने दावा किया था कि पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया था, लेकिन बाद में 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वकील का कहना है कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इन आरोपियों को जहां से हिरासत में लिया गया है वहां 19 लोग गवाह के रूप में मौजूद हैं। इसके साथ ही वकील ने यह भी दावा किया कि इन आरोपियों के घटना में शामिल होने का एक चश्मदीद गवाह भी है।
मजिस्ट्रेट कोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार
23 दिसंबर को, दिल्ली की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने 15 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने राहत के लिए सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया था। दरियागंज इलाके में 20 दिसंबर को हिंसा भड़कने के बाद 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके थे इसके साथ ही कार को आग के हवाले कर दिया था। गिरफ्तार लोगों में से एक का दावा था कि वह एक किशोर था। हालांकि, पुलिस ने कहा कि उसने बताया कि वह 23 साल का था।