CAA विरोधः अब मैदान में उतरें दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल जंग समेत 106 अफसर, PM मोदी को लिखा पत्र

दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला समेत 106 अफसरों ने नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ पीएम मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें पूर्व नौकरशाहों ने इन तीनों कानूनों को गैरजरूरी बताया है। 

नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जारी विरोध के बीच एक नई खबर सामने आई है। जिसमें 106 पूर्व नौकरशाहों ने सरकार को खत लिखा है। साथ ही सभी नौकरशाहों ने कानून की वैधता पर सवाल उठाए हैं। नौकरशाहों ने एक खुला पत्र लिख कर कहा है कि एनपीआर और एनआरसी 'अनावश्यक और व्यर्थ की कवायद' है। इस कानून से बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कतें होंगी। इन पूर्व 106 नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं। इन लोगों ने साथी नागरिकों से केंद्र सरकार से इस पर जोर देने का आग्रह किया है कि वह राष्ट्रीय पहचानपत्र से संबंधित नागरिकता कानून 1955 की प्रासंगिक धाराओं को निरस्त करे। 

CAA, NRC और NPR की जरूरत नहीं 

Latest Videos

सरकार को लिखे गए पत्र का शीर्षक है 'भारत को सीएए..एनपीआर..एनआरसी की जरुरत नहीं।' पत्र में लिखा है, ''सीएए के प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को लेकर हमारी गंभीर आपत्ति है जिसे हम नैतिक रूप से असमर्थनीय भी मानते हैं। हम इस पर जोर देना चाहेंगे कि यह कानून भारत की जनसंख्या के एक बड़े वर्ग में आशंकाएं उत्पन्न करेगा जो जानबूझकर मुस्लिम धर्म को उसके दायरे से बाहर करता है। ''

सरकार और लोगों में सड़क पर टकराव बर्दाश्त नहीं 

पत्र में कहागया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 22 दिसम्बर को दिल्ली में एक जनसभा में दिया गया बयान कि सीएए और भारतीय राष्ट्रीय नागरिक पंजी एक दूसरे से जुड़े नहीं हैं। पत्र में लिखा है, ''ऐसे समय जब देश की आर्थिक स्थिति पर देश की सरकार की ओर से गंभीर ध्यान दिये जाने की जरूरत है, भारत ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता जिसमें नागरिकों और सरकार के बीच सड़कों पर टकराव हो।''

पड़ोसी देशों से बिगड़ेंगे संबंध 

पत्र में लिखा है, ''ना ही ऐसी स्थिति वांछित है जिसमें बहुसंख्यक राज्य सरकारें एनपीआर या एनआरआईसी लागू करने को तैयार नहीं हैं जिससे केंद्र और राज्य के संबंधों में एक गतिरोध उत्पन्न हो।'' पूर्व नौकरशाहों ने पत्र में लिखा है, ''हम एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा महसूस करते हैं जिसमें भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सद्भावना खोने और निकट पड़ोसियों से उसके संबंध खराब हो सकते हैं जिसके उप महाद्वीप में सुरक्षा परिदृश्य के लिए प्रतिकूल परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं।''

निजी सूचनाओं का होगा दुरुपयोग 

इसमें कहा गया कि इससे नागरिकों की निजता के अधिकार का भी अतिक्रमण होगा क्योंकि इसमें काफी सूचना ली जाएगी जैसे आधार, मोबाइल नम्बर और मतदाता पहचानपत्र, जिसके दुरुपयोग की आशंका है। पूर्व नौकरशाहों ने कहा कि भारत के विभिन्न हिस्सों से लोगों द्वारा जरूरी जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने की जल्दबाजी करने की चिंताजनक खबरें पहले ही आ रही हैं। 

पत्र में लिखा गया है कि सीएए के प्रावधानों के साथ ही पिछले कुछ वर्षों से इस सरकार के उच्च स्तरों से आक्रामक बयानों ने देश के मुसलमानों के बीच गहरी बेचैनी पैदा की है, जो पहले से ही ‘लव जिहाद’, मवेशी तस्करी और गोमांस सेवन जैसे आरोपों से जुड़े मुद्दों को लेकर भेदभाव और हमलों का सामना कर रहे हैं। 

Share this article
click me!

Latest Videos

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन, 92 साल की उम्र में ली आखिरी सांस #short
'ईश्वर-अल्लाह तेरो नाम...' सुनते ही पटना में बवाल, सिंगर को मांगनी पड़ी माफी । Atal Jayanti Program
आसान है पुरानी कार पर GST का नया नियम, यहां समझें हर एक बात । Nirmala Sitharaman । GST on Cars
CM भजनलाल शर्मा की पत्नी और बेटे करते दिखे दंडवत परिक्रमा, 16 सालों से चल रहा है सिलसिला
Pushpa-2 Stampede Case: Allu Arjun के पहुंचने से पहले ही भीड़ हो गई थी अनियंत्रित, CCTV ने खोले राज