लड़कियों को 'आइटम' कहने वालों होशियार, यह खबर अक्ल ठिकाने लगाने के लिए काफी है, पढ़िए एक ऐसा ही केस

मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग लड़की को परेशान करने के आरोप में एक व्यक्ति को डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है। आरोपी ने पीड़िता को आइटम कहते हुए उसके बाल खींचे थे। घटना जुलाई 2015 में उपनगरीय मुंबई में पीड़िता के घर के पास हुई थी।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 27, 2022 5:26 AM IST / Updated: Oct 27 2022, 10:57 AM IST

मुंबई. मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने नाबालिग लड़की को परेशान करने के आरोप में एक व्यक्ति को डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है। 20 अक्टूबर को इस संबंध में ऑर्डर पास किया गया। अदालत ने आरोपियों के प्रति नरमी दिखाने से इनकार कर दिया और कहा कि इस तरह के सड़क छाप रोमियो(roadside Romeos) को महिलाओं को इस तरह के अवांछित व्यवहार( uncalled-for behaviour) से बचाने के लिए सबक सिखाया जाना चाहिए।

जानिए क्या है पूरा मामला
यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो-Protection of Children from Sexual Offences (POCSO-Act) अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए नामित स्पेशल जज एजे अंसारी ने घटना के समय आरोपी की आयु 25 वर्ष बताते हुए उसे 16 वर्षीय पीड़िता के शील भंग करने का दोषी( guilty of outraging the modesty) ठहराया। आरोपी ने पीड़िता को आइटम कहते हुए उसके बाल खींचे थे। घटना जुलाई 2015 में उपनगरीय मुंबई में पीड़िता के घर के पास हुई थी।

जज ने कहा-"यह फैक्ट्स हैं कि आरोपी ने जानबूझकर पीड़िता के बाल पकड़ लिए और उसे खींच लिया। उसे आइटम कहा। निश्चित रूप से यह तथ्य को साबित करेगा कि उसने लड़की का शील भंग किया है।" अदालत ने कहा कि आरोपी का व्यवहार पूरी तरह से अनुचित था। आरोपी ने उसे 'आइटम' कहा, जो आमतौर पर लड़कों द्वारा अपमानजनक तरीके से लड़कियों को संबोधित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह उन्हें यौन रूप से ऑब्जेक्टिफाई करता है। यह स्पष्ट रूप से उसके शील भंग करने के इरादे का संकेत देता है। आदेश में कहा गया- "किसी भी लड़की को संबोधित करने के लिए 'आइटम' शब्द का इस्तेमाल स्वाभाविक रूप से अपमानजनक है।"

जज ने कहा-अभियुक्तों की हरकतें स्पष्ट रूप से यौन इरादे से की गई थीं, क्योंकि जब किसी लड़की को संबोधित करने के लिए आइटम शब्द का इस्तेमाल किया जाता है, तो उसका इस्तेमाल केवल यौन संबंध बनाने के लिए किया जाता है और कुछ नहीं। अदालत ने आगे कहा कि आरोपी के साथ नरमी नहीं दिखाई जा सकती, क्योंकि मामला सड़क पर एक नाबालिग लड़की के उत्पीड़न से जुड़ा है। कोर्ट ने कहा- "इस तरह के अपराधों से सख्ती से निपटने की जरूरत है, क्योंकि महिलाओं को उनके अनुचित व्यवहार से बचाने के लिए ऐसे सड़क किनारे रोमियो को सबक सिखाने की जरूरत है।"

स्कूल से घर लौट रही थी लड़की
14 जुलाई 2015 को जब पीड़िता स्कूल से लौट रही थी, तो आरोपी ने उसके साथ मारपीट की और उसे आइटम कहा।  जब लड़की ने उस आदमी से कहा कि वह उसे परेशान न करे, तो वह उसके साथ गाली-गलौज करने लगा और उसके बाल खींच लिए। तब जाकर लड़की ने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 100 पर कॉल कर मदद मांगी।   पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन आरोपी भाग गया। लड़की ने घर जाकर अपने पिता को इस बारे में बताया। इसके बाद मुंबई के साकीनाका पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई। बाद में आरोपी को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया गया था।

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