कार या किसी अन्य चार पहिया वाहन में इंस्टाल किए गए साफ्टवेयर में सेंसर लगे हैं। यदि कोई व्यक्ति कार में बैठता है और वह शराब पीए हुए है तो जैसे ही स्टीयरिंग को टच करेगा सेंसर पता लगा लेगा कि आप नशे में हैं।
चंडीगढ़। शराब पीकर झूठ बोला तो एक मिनट में पकड़े जाएंगे। यह काम आपकी कार करेगी। नशे की हालत में गाड़ी स्टार्ट करते रह जाएंगे वह स्टार्ट ही नहीं होगी। चंडीगढ़ के बीटेक छात्र ने एक साफ्टवेयर तैयार किया है जिससे शराब पीने वाला शख्स गाड़ी स्टार्ट करेगा तो वह स्टार्ट ही नहीं होगी।
स्टीयरिंग पर हाथ रखते ही एप समझ जाएगा आप नशे में हैं या नहीं
कार या किसी अन्य चार पहिया वाहन में इंस्टाल किए गए साफ्टवेयर में सेंसर लगे हैं। यदि कोई व्यक्ति कार में बैठता है और वह शराब पीए हुए है तो जैसे ही स्टीयरिंग को टच करेगा सेंसर पता लगा लेगा कि आप नशे में हैं। अल्कोहल की मात्रा 0.08 प्रतिशत की कानूनी सीमा से अधिक है तो कार का इंजन स्टार्ट ही नहीं होगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का किया प्रयोग
साफ्टवेयर को विकसित किया है चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में बीटेक द्वितीय वर्ष के छात्र मोहित ने। उन्होंने रोड पल्स नाम से विकसित किए गए साफ्टवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का प्रयोग किया है।
गाड़ी का एक्सीडेंट नहीं हो सकेगा
भिवानी के रहने वाले मोहित बताते हैं कि अगर ये सॉफ्टवेयर गाड़ी के अंदर लगा हुआ है तो गाड़ी का कभी एक्सीडेंट नहीं होगा। यहां तक कि जानबूझकर अगर कोई करना चाहेगा तो भी नहीं होगा। क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खतरे को पहले ही भाप सकेगा। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में देश-दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर ही सभी काम होंगे।
कैसे पता चलेगी अल्कोहल की मात्रा
मोहित ने बताया कि गाड़ियों में सीट बेल्ट न लगाने पर बीप की आवाज आती है क्योंकि वहां सेंसर काम करता है। लेकिन उनके साफ्टवेयर में ऐसा प्रोग्राम किया गया है कि सॉफ्टवेयर से गाड़ी स्टार्ट ही नहीं होगी। गाड़ी में अल्कोहल पीकर कोई भी ड्राइविंग सीट पर बैठेगा और सांस लेगा, तो उसके कार्बन डाइऑक्साइड के पार्टीकल्स सामने लगे सॉफ्टवेयर के ऑटोमीटर पर जाकर लगेंगे और सेंसर डिटेक्ट करके बताएगा कि व्यक्ति में अल्कोहल की वैल्यू सरकारी मानक से ज्यादा है या नहीं।
आगे-पीछे गाड़ियों का भी चलेगा पता
सड़क पर गाड़ी चलाते वक्त अक्सर लोग यू-टर्न और दाएं-बाएं लेने के लिए इंडिकेटर का उपयोग नहीं करते हैं और गाड़ियां आपस में टकरा जाती हैं। इस कारण कई लोगों की जान भी चली जाती है। इसे रोकने के लिए मोहित ने अपने सॉफ्टवेयर में ऐसा फीचर लगाया है जिससे गाड़ी खुद-ब-खुद 50 मीटर डिस्टेंस से पहले ही इंडिकेटर देना शुरू कर देगी। इसमें गूगल मैप को मशीन लर्निंग के साथ जोड़ा गया है।
कोहरा में भी हादसा रोकने में होगा सफल
जब कोहरा होता है तो दृश्यता काफी कम हो जाती है। इस वजह से हर साल कई कार दुर्घटनाएं भी होती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी का प्रयोग करके साफ्टवेयर बनाया है जिससे धुंध में आगे-पीछे की कारों और वस्तुओं का पता चल पाएगा। ये सॉफ्टवेयर कार के अगले हिस्से में स्थित होगा जो कार के आगे 50 मीटर की डिस्टेंस तक बताएगा कि आगे क्या है और उससे कार चालक कार को कंट्रोल कर सकेगा। कुल मिलाकर सॉफ्टवेयर के जरिए दुर्घटनाओं की संख्या को कम कर सकते हैं।