आंदोलित किसानों का गुस्सा अब हरियाणा सरकार पर फूट पड़ा है। शनिवार को डिप्टी स्पीकर पर पथराव करने वाले किसानों ने अब मुख्यमंत्री खट्टर की रैली को काले झंडे दिखाए और उन्हें घेरने की कोशिश की। मामला बिगड़ते देख पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़े। खट्टर कैमला गांव में आयोजित पंचायत में शामिल होने आए थे। वे यहां किसानों को कृषि बिल का फायदा बताने वाले थे। इससे पहले शनिवार को किसानों ने डिप्टी स्पीकर पर पथराव किया था। चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस में खट्टर ने कांग्रेस को लिया आड़े हाथ।
करनाल, हरियाणा. यहां के कैमला गांव में आयोजित किसानों की पंचायत के दौरान मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को आंदोलित किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा। वे यहां कृषि कानूनों का फायदा गिनाने वाले थे। इसी बीच आंदोलित किसानों ने उनकी रैली को काले झंडे दिखाए और हंगामा कर दिया। इसके बाद पुलिस को मोर्चा संभालना पड़ा। पुलिस ने आंदोलित किसानों पर लाठी चार्ज किया और उन्हें खदेड़ने आंसू गैस के गोले छोड़े।
किसानों आंदोलन के 46वें दिन हंगामा...
10 जनवरी को किसान आंदोलन का 46वां दिन है। बता दें कि मुख्यमंत्री ने कैमला गांव में किसानों की यह महापंचायत बुलाई थी। इसमें प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किए गए थे। गढ़ी सुल्तान पर नाकाबंदी करके आंदोलित किसानों को रोका गया था। बताया जाता है कि आंदोलित किसानों ने सभास्थल पर तोड़फोड़ कर दी। वहीं, वे सीएम का विरोध करने हेलीपेड तक पहुंच गए थे। इस दौरान प्रदेश भाजपा प्रमुख ओम प्रकाश धनखड़ के साथ बहस भी हुई। हालांकि बाद में खराब मौसम के कारण सीएम का दौरा रद्द कर दिया गया।
चंडीगढ़ में बोले खट्टर
इस मामले में मुख्यमंत्री खट्टर ने चंडीगढ़ में प्रेस कान्फ्रेंस ली। उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमाओं खासकर टिगरी और सिंघु बार्डर पर जो धरना दिया जा रहा है, उसके संबंध में वास्तविकता बताना उनकी भी दायित्व है। खट्टर ने कहा कि कुछ नौजवान उकसाने पर हेलीपैड तक पहुंच गए थे। जिस वजह से लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बिगड़ी। इसलिए उन्होंने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपना हेलीकॉप्टर करनाल में उतारा था।
खट्टर ने कहा कि वो वहां जाकर उस इलाके लिए लगभग 100 करोड़ की योजनाओं की घोषणा करने वाले थे। इसके अलावा 45 करोड़ के तीन प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी करना था। खट्टर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस डेमोक्रेसी को खत्म करने की कोशिश कर रही है। जैसा कि उसने 1975 में आपातकाल लगाकर किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता ने खट्टर को दी समझाइश...
रविवार सुबह कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरेजवाला ने सीएम खट्टर पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया- मा. मनोहरलाल जी, करनाल के कैला गांव में किसानों की महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए। इसके अलावा सुररेजवाल ने यह भी बयान दिया कि 'क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब! 'सरकारी' महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं। ये किसी वॉटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते। इन्हें डराइए नहीं। इनकी जिंदगी, रोजी रोटी मत छीनिए। तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए।'
शर्म कीजिए खट्टर साहेब।
जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है?
मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है।
याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा।
काले क़ानून वापस लें। pic.twitter.com/SllwV6CjFy
डिप्टी स्पीकर पर हमला करने वाले अज्ञात किसानों पर हत्या की काेशिश का मामला दर्ज
आंदोलित किसानों पर हरियाणा पुलिस ने डिप्टी स्पीकर पर कातिलाना हमला करने का केस दर्ज किया है। बता दें कि हरियाणा विधानसभा उपाध्यक्ष और नलवा से भाजपा विधायक रणबीर सिंह गंगवा शनिवार दोपहर आर्यनगर में इफको के एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने गए गए। कार्यक्रम खत्म होने के बाद दोपहर करीब 2 बजे वे अपने रिश्तेदार आईएएस आरएस वर्मा के घर समीप के गांव में लंच करने चले गए थे। यहां से जब वे लौट रहे थे, तभी 30-40 की संख्या में पहुंचे किसानों ने उनकी गाड़ी को घेर लिया था। आगे-पीछे ट्रैक्टर और सफारी गाड़ी अड़ा दी थीं।
गनमैन को लगे थे पत्थर...
इस घटना में गंगवा को बचाने की कोशिश में उनके गनमैन संदीप को चोट लग गई थी। बताते हैं कि आंदोलित किसान चौधरीवास रैली से लौट रहे थे। तभी उन्हें विधायक के आर्यनगर में होने की सूचना मिली तो वे उन्हें काले झंडे दिखाने रुक गए थे। पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों पर हत्या की कोशिश की केस दर्ज किया है।
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