गाजियाबाद केस: विवादित LIVE दिखाने पर Facebook से भी होगी पूछताछ, twitter इंडिया को भेजा गया लीगल नोटिस

गाजियाबाद में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का मामले में अब फेसबुक की भी लापरवाही सामने आई है। सपा नेता उम्मेद पहलवान ने बुजुर्ग को फेसबुक पर Live दिखाकर घटना को साम्प्रदायिक रंग देने की साजिश की थी। इस मामले में गुरुवार को twitter इंडिया को यूपी पुलिस ने लीगल नोटिस भेज दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 18, 2021 3:03 AM IST / Updated: Jun 18 2021, 12:19 PM IST

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी में एक मुस्लिम बुजुर्ग की पिटाई का वीडियो 14 जून को वायरल करके मामले को साम्प्रदायिक रंग देने के मामले की जांच कर रही पुलिस ने फेसबुक पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस ने फर्जी कहानी बनाकर बुजुर्ग के साथ FIR दर्ज करवाने वाले सपा नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि उसने ही अब्दुल समद से झूठा बयान दिलवाया था। इसके बाद जयश्री-वंदे मातरम की फर्जी कहानी गढ़कर फेसबुक लाइव किया था। हालांकि फेसबुक के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन जांच में उसका नाम भी शामिल किया गया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को twitter इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वर को लीगल नोटिस भेजा है।

ट्विटर को 7 दिन की समय दिया
पुलिस ने ट्विटर इंडिया के एमडी को 7 दिन के अंदर लोनी बॉर्डर पुलिस स्टेशन को अपना बयान दर्ज कराने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया और ट्विटर INC के जरिए कुछ लोगों ने अपने ट्विटर हैंडल का इस्तेमाल करके समाज में नफरत फैलाने की कोशिश की। लेकिन कंपनी ने इन्हें रोकने कोई संज्ञान नहीं लिया। गाजियाबाद ग्रामीण इराज राजा ने कहा-ट्विटर इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी को विवेचना में सहयोग करने के लिए उपस्थित होने के लिए कल मेल किया गया। उनसे कई और जान​कारियां मेल के माध्यम से मांगी गई हैं। बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता के मामले में लगभग 99% गिरफ़्तारी कर ली गई है। 

केस दर्ज होने के बाद से उम्मेद पहलवान गायब
पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ. ईरज राजा के मुताबिक, बुधवार देर रात पुलिस ने इस मामले में तीसरा मुकदमा सपा नेता उम्मेद पहलवान के खिलाफ दर्ज किया है। यह FIR लोनी बॉर्डर कोतवाली के दरोगा नरेश सिंह ने लिखवाई है। आरोप है कि उम्मेद पहलवान ने बिना फैक्ट चेक किए फेसबुक पर लाइव किया। हालांकि उम्मेद पहलवान इसे अपने खिलाफ एक साजिश बता रहे हैं। केस दर्ज होने के बाद से उम्मेद पहलवान गायब है।

twitter को जारी हुआ लीगल नोटिस
इस मामले में twitter इंडिया को पार्टी बनाया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को twitter इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर मनीष माहेश्वर को लीगल नोटिस भेजा है। हालांकि उसके खिलाफ सभी धाराएं जमानती हैं, इसलिए अधिकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। लेकिन पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर उपस्थित होना होगा।

अब तक 9 लोगों पर FIR
इस मामले में 2 कांग्रेस नेताओं सहित 9 लोगों पर FIR दर्ज होने के बाद एक्ट्रेस स्वरा भास्कर और twitter इंडिया के हेड खिलाफ भी शिकायत की गई है।

पुलिस ने चार और आरोपियों को किया अरेस्ट
पुलिस ने इस मामले में 4 और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। यूपी पुलिस ने अनस, मुशाहिद, हिमांशु, सावेज को अरेस्ट कर लिया है। जबकि गुलशन, पोली और आवेश अभी भी फरार चल रहे हैं। पुलिस ने अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है। 

भड़काऊ  ट्वीट करने का आरोप लगा
दिल्ली के तिलक मार्ग थाने में एडवोकेट अमित आचार्य ने स्वरा भास्कर और twitter इंडिया के हेड मनीष माहेश्वरी के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत में जर्नलिस्ट आरफा खानम शेरवानी और एक्टर आसिफ खान का नाम भी शामिल है। आरोप है कि गाजियाबाद मामले में इन सभी ने भड़काऊ ट्वीट किए।

स्वरा भास्कर ने ट्वीट किया
स्वरा ने ट्विटर किया था, 'पीड़ित का पारिवारिक काम कारपेंट्री (बढ़ई) है। वो ताबीज नहीं बनाता है। गिरफ्तार सह आरोपी का भाई पुलिस के बयान को गलत ठहरा रहा है, इसलिए पुलिस के दावे की जांच होनी चाहिए।

आरफा खान ने दिया तर्क
इस मामले में शिकायत होने के बाद द वायर की रिपोर्टर आरफा खान ने ट्विटर पर लिखा, 'यह सिर्फ आधिकारिक वर्जन से हटकर की गई रिपोर्टिंग को अपराधिक रूप देने का प्रयास है। इस मामले में द वायर पर FIR दर्ज की गई है।

असलियत में यह आपसी रंजिश का मामला था
गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि लोनी की घटना का कोई सांप्रदायिक पक्ष नहीं है। यह आपसी झगड़े की वजह है। इस मामले को बिना सोचे-समझे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई। इस मामले में twitter सहित द वायर, राणा अय्यूब, मोहम्मद जुबैर, डॉ शमा मोहम्मद, सबा नकवी, मस्कूर उस्मानी, स्लैमन निजामी पर शांति भंग करने के लिए भ्रामक संदेश फैलाना की धाराएं लगाई गई हैं। 

पीड़ित ने पुलिस के बयान को गलत बताया
इस बीच पीड़ित ने पुलिस के बयान को गलत बताया है। पुलिस ने पीड़ित अब्दुल समद सैफी को ताबीज बनाने वाला बताया है, जबकि उन्होंने इससे मना किया है। वे अपने एक कथित बयान में घटना को सच बता रहे हैं।

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