J & K में प्रोजेक्ट को पास करने को 300 करोड़ का मिला था ऑफर, सत्यपाल मलिक के खुलासे पर CBI का 16 जगहों पर रेड

जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल रहे Satyapal Malik ने अपने कार्यकाल के दौरान Jammu-Kashmir के Kiru Hydro Power Project में फाइल पास करने की एवज में घूस की पेशकश का खुलासा कर सबको चौका दिया था। सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर भी इस प्रोजेक्ट को लेकर कई बड़े आरोप लगाए थे। मलिक के खुलासे के बाद सीबीआई ने मामले में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 6, 2022 10:03 AM IST / Updated: Jul 06 2022, 03:58 PM IST

नई दिल्ली। सीबीआई (CBI) 2019 में किश्तवाड़ में किरू हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट (Kiru Hydro Power Project, Kishtwar) के लिए 2,200 करोड़ रुपये के सिविल वर्क का ठेका देने में कथित भ्रष्टाचार को लेकर पूरे भारत में 16 स्थानों पर तलाशी ले रही है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाया था कि जब वह राज्य में गवर्नर थे तो उनको 300 करोड़ रुपये के घूस की पेशकश की गई थी। अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि तलाशी अभियान श्रीनगर में दो स्थानों, जम्मू में पांच, दिल्ली में पांच, मुंबई में तीन और पटना में चल रहा है। परियोजना में शामिल बिचौलियों और सहयोगियों के ठिकानों पर रेड किया गया है।

CBI ने बड़े पैमाने पर वित्तीय लेनदेन का लगाया पता

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अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने तीन महीने की अपनी जांच में चिनाब वैली पावर प्रोजेक्ट्स (पी) लिमिटेड के तत्कालीन अध्यक्ष नवीन कुमार चौधरी और बिचौलियों सहित आरोपी लोक सेवकों के बीच कुछ वित्तीय लेनदेन का पता लगाया है। जांच में मिले लीड्स के आधार पर सीबीआई ने देश के विभिन्न कोनों में रेड किया है।

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, 'जांच के दौरान, तत्कालीन अध्यक्ष सहित बिचौलियों की कथित भूमिका, इन बिचौलियों और लोक सेवकों के बीच वित्तीय लेनदेन का खुलासा करने वाले सबूत पाए गए। इन सबूतों के आधार पर 16 स्थानों पर तलाशी ली जा रही है।' अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी मुंबई में पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक रूपेन पटेल, विजय गुप्ता और अमरेंद्र कुमार सिंह के ठिकानों की तलाशी ले रही है।

अंबानी और आरएसएस से जुड़े लोगों का था प्रोजेक्ट?

सत्यपाल मलिक जम्मू-कश्मीर के 23 अगस्त, 2018 और 30 अक्टूबर, 2019 के बीच राज्यपाल रहे हैं। मलिक ने दावा किया था कि उन्हें दो फाइलों को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा कि कश्मीर जाने के बाद, दो फाइलें मेरे पास (मंजूरी के लिए) आईं, एक अंबानी की और दूसरी आरएसएस से जुड़े व्यक्ति के पास, जो पिछली महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और पीएम मोदी के बहुत करीब होने का दावा करते थे।

ऑफर आने के बाद पता लगाया और कैंसिल कर दी

मलिक ने कहा कि मुझे दोनों विभागों में सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि 'आपको फाइलें पास करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे' लेकिन मैंने कहा कि मैं अपने साथ पांच कुर्ता-पायजामा लाया हूं और उसी के साथ यहां से जाउंगा भी। मलिक ने कहा कि उनको समझ में आया था कि यह एक घोटाला है और मैंने तत्काल फाइल कैंसिल कर दी। मलिक ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान के झुंझुनू में एक कार्यक्रम में यह खुलासा किया था।

राज्यपाल के खुलासे के बाद सीबीआई ने दर्ज किया केस

इस साल अप्रैल में किरू हाईड्रो पॉवर प्रोजेक्ट के सिविल कार्य पैकेज के लिए कांट्रैक्ट देने में भ्रष्टाचार से संबंधित केस दर्ज किया था। सीबीआई ने पाया था कि इस प्रोजेक्ट के ई-टेंडिरंग में दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआई ने छापेमारी भी की थी। जोशी ने पहले कहा था कि किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट (HEP) के सिविल कार्यों के लिए वर्ष 2019 में एक निजी कंपनी को 2,200 करोड़ रुपये (लगभग) का ठेका देने में भ्रष्टाचार के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। एजेंसी ने नवीन कुमार चौधरी, एम एस बाबू, पूर्व एमडी, एम के मित्तल और अरुण कुमार मिश्रा, पूर्व निदेशकों और पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड को बुक किया है।

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