छत्तीसगढ़ः साहब-नेताओं ने बेटे-बेटियों, बहू को बनाया कलेक्टर-SP, CBI ने दर्ज किया FIR

सीबीआई के एफआईआर में यह कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न सरकारी अधिकारियों और राजनैतिक दलों के नेताओं के बेटे-बेटियों व रिश्तेदारों की नियुक्तियां डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी सहित विभिन्न पदों पर हुआ था।

Dheerendra Gopal | Published : Jul 15, 2024 12:25 PM IST / Updated: Jul 15 2024, 08:24 PM IST

CGPSC ineligible candidates appointment case: छत्तीसगढ़ राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा की गई अवैध तरीके से नियुक्तियों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ने इस मामले में तत्कालीन चेयरमैन, तत्कालीन सेक्रेटरी और तत्कालीन कंट्रोलर ऑफ एग्जाम्स के खिलाफ केस रजिस्टर किया है। आरोप है कि नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इन अधिकारियों ने अपने बेटे-बेटियों-रिश्तेदारों और परिचितों का एलिजिबिलिटी नहीं होने के बाद भी नियुक्ति किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग ने 2020 से 2022 के बीच परीक्षा और इंटरव्यू कराया था।

कई जगहों पर सीबीआई ने की जॉब स्कैम में रेड

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राज्य लोकसेवा आयोग द्वारा 2020 से 2022 के बीच हुई इन नियुक्तियों के संबंध में भिलाई और रायपुर में विभिन्न लोकेशन्स पर छापेमारी भी की है। यह छापेमारी छत्तीसगढ़ राज्य लोकसेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन, तत्कालीन सेक्रेटरी और तत्कालीन कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन्स के भिलाई और रायपुर स्थित ठिकानों पर की गई है।

तत्कालीन चेयरमैन के परिवार और रिश्तेदार बन गए अधिकारी

सीबीआई ने बताया कि तत्कालीन चेयरमैन का बेटा डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित हुआ था तो उनके बड़े भाई का बेटा डिप्टी एसपी के पद पर चयनित हुआ था। तत्कालीन चेयरमैन की बहन की लड़की लेबर अफसर के रूप में नियुक्ति पाई थी तो बेटे की पत्नी डिप्टी कलेक्टर बनी। भाई की बहू का चयन जिला आबकारी अधिकारी के रूप में हुआ था। इसी तरह सीजीपीएससी के तत्कालीन सेक्रेटरी का बेटा डिप्टी कलेक्टर के रूप में चयनित हुआ था। सीबीआई के एफआईआर में यह कहा गया है कि छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न सरकारी अधिकारियों और राजनैतिक दलों के नेताओं के बेटे-बेटियों व रिश्तेदारों की नियुक्तियां डिप्टी कलेक्टर और डिप्टी एसपी सहित विभिन्न पदों पर हुआ था।

इन लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ है जॉब स्कैम में एफआईआर

छत्तीसगढ़ के बालोड जिला स्थित अर्जुंदा पुलिस स्टेशन में राज्य लोकसेवा आयोग के जॉब स्कैम को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया था। इस मामले में छत्तीसगढ़ गृह विभाग ने सीबीआई जांच की सिफारिश 25 अप्रैल को की थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीबीआई को जांच के लिए आदेश दिया। इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य लोकसेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन तमन सोनवानी, तत्कालीन सेक्रेटरी जीवन किशोर ध्रुव, एग्जामिनेशन कंट्रोलर सहित अन्य अधिकारियों और राजनेताओं पर एफआईआर दर्ज किया था।

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