जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के घर पहुंची CBI, 300 करोड़ रुपए रिश्वत मामले में किए सवाल

Published : Apr 28, 2023, 07:31 PM IST
Satya Pal Malik

सार

300 करोड़ रुपए रिश्वत ऑफर किए जाने के मामले में पूछताछ के लिए सीबीआई की टीम शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) के घर पहुंची।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) के घर शुक्रवार को सीबीआई की टीम पहुंची। सीबीआई के अधिकारियों ने सत्यपाल से 300 करोड़ रुपए रिश्वत मामले में पूछताछ की।

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक से जम्मू-कश्मीर में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस से जुड़े कथित बीमा घोटाले पर स्पष्टीकरण मांगा। सत्यपाल ने दावा किया था कि उन्हें रिश्वत की पेशकश की गई थी। सीबीआई की टीम सुबह करीब 11:45 बजे दिल्ली के आरके पुरम इलाके में स्थित मलिक के घर पहुंची।

सीबीआई ने दर्ज किए हैं दो FIR
सीबीआई ने दो FIR दर्ज किए हैं। एक FIR सरकारी कर्मचारियों के लिए सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना के ठेके देने में मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों पर आधारित है। वहीं, दूसरी FIR जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट में हुए भ्रष्टाचार से जुड़ी है।

दो फाइल क्लियर करने के बदले मिला था 300 करोड़ रिश्वत का ऑफर
सत्यपाल मलिक कई राज्यों में राज्यपाल रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल रहने के दौरान उन्हें दो फाइल क्लियर करने के बदले 300 करोड़ रुपए रिश्वत ऑफर की गई थी।

सीबीआई ने अपनी FIR में स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड पर आरोप लगाए हैं। इन्हें 31 अप्रैल 2018 को राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में सरकारी कर्मचारियों का सामूहिक चिकित्सा बीमा करने की मंजूरी दी गई थी।

सीबीआई ने सत्यपाल मलिक को दी थी कानूनी नोटिस
21 अप्रैल को सीबीआई ने मलिक को कानूनी नोटिस जारी किया था। सीबीआई ने मलिक को स्पष्टीकरण देने के लिए नई दिल्ली में एजेंसी के अकबर रोड गेस्टहाउस में आने के लिए कहा गया था। मलिक को नाम सीबीआई ने आरोपी या संदिग्ध के रूप में नहीं लिया है।

मलिक ने कहा था कि सीबीआई एक बीमा योजना के मुद्दे पर मुझसे स्पष्टीकरण मांगना चाहती थी। इस बीमा योजना को मैंने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान रद्द कर दिया था। इस योजना के लिए कर्मचारियों को (प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) 8,500 रुपए और रिटायर कर्मचारियों को (प्रति कर्मचारी प्रति वर्ष) 20,000 रुपए लेने पड़ते थे। योजना सही नहीं थी। यह गलत था। इसलिए मैंने रद्द कर दिया था।

PREV

Recommended Stories

PM मोदी से मुलाकात, रिकॉर्ड निवेश का ऐलान: जानें भारत को AI-फर्स्ट बनाने सत्या नडेला का प्लान
गोवा नाइटक्लब आग हादसे में बड़ा खुलासा, बिना वीजा परफॉर्म कर रही थीं विदेशी डांसर क्रिस्टिना