CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के हेलिकॉप्टर दुर्घटना में उनके साथ जान गंवाने वाले इंडियन एयर फोर्स(IAF) के सभी 4 कर्मियों की पहचान कर ली गई है। हादसे में हेलिकॉप्टर में भीषण आग लग गई थी, जिससे शवों की पहचान में दिक्कत आ रही थी। बता दें कि तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में 8 दिसंबर की दोपहर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था।
नई दिल्ली. तमिलनाडु (Tamil Nadu) के कुन्नूर (Coonoor) में 8 दिसंबर की दोपहर हेलिकॉप्टर क्रैश मामले में CDS बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) के साथ जान गंवाने वाले इंडियन एयर फोर्स(IAF) के सभी 4 कर्मियों की पहचान कर ली गई है। इनका पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से ले जाया जाएगा और उचित सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रस्थान से पहले दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण किया जाएगा। लांस नायक बी साई तेजा और लांस नायक विवेक कुमार के पार्थिव शरीर की पहचान करने के बाद उनके पार्थिव शरीर परिजनों को सौंप दिए गए। वहीं, IAF के सभी 4 जवानों जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए, विंग कमांडर पी.एस.चौहान, जेडब्ल्यूओ राणा प्रताप दास और स्क्वाड्रन लीडर कुलदीप सिंह की पहचान पूरी हो गई है। इधर, हरिद्वार नगर निगम मेयर अनिता शर्मा (Haridwar Municipal Corporation Mayor Anita Sharma) ने निगम के मुख्य द्वार का नाम 'सीडीएस जनरल बिपिन रावत स्मृति द्वार' रखने की घोषणा की है।
यह है मामला
इस हेलिकॉप्टर हादसे (Helicopter Crash) में सीडीएस बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) सहित 13 लोगों की मौत हो गई थी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक उन्होंने जोर के धमाके की आवाज सुनी थी। फिर देखा कि हेलिकॉप्टर पेड़ों से टकरा गया था। उसमें सवार लोगों के जलते हुए शव बाहर गिरते दिखे। जनरल रावत को नीलगिरी पहाड़ों में स्थिति डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज वेलिंगटन पहुंचना था। लेकिन सिर्फ 10 मिनट दूर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। वायु सेना ने हादसे की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बैठाई है।
लांस नायक तेज के बारे में
लांस नायक बी साईं तेजा ने हादसे से कुछ देर पहले ही पत्नी श्यामला और बच्चों से वीडियो कॉल पर बात की थी। CDS जनरल बिपिन रावत के पर्सनल सुरक्षा अधिकारी के रूप में सेवारत तेजा मूल रूप से आंध्र प्रदेश के चित्तूर के रहने वाले थे। तेजा के पिता बी मोहन ने बताया कि उनके बेटे ने 2012 में आर्मी ज्वाइन की थी। 2016 में वे 11 पारा बटालियन में शामिल हुए थे और करीब 7 महीने पहले उन्हें जनरल बिपिन रावत की सुरक्षा में तैनात किया गया था। तेजा सितंबर में छुट्टी पर घर आए थे। संक्रांति पर फिर छुट्टी पर आने वाले थे।
विवेक कुमार के बारे में...
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा (Kangra) जिले के पैरा कमांडो विवेक कुमार (29 साल) अपने पीछे पांच महीने का बेटा, पत्नी और माता-पिता को छोड़ गए हैं। वह तीन भाई बहनों में सबसे बड़े थे। विवेक का गांव अपर ठेहडू जयसिंहपुर इलाके में आता है। क्लिक करके पढ़ें पूरी कहानी
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