CDS Helicopter Crash : खराब मौसम के कारण कम ऊंचाई पर उड़ रहा था हेलिकॉप्टर, लो विजिबिलिटी बनी हादसे की वजह

एमआई-17V5 हेलिकाॅप्टर (Helicopter) वेदर रडार (Weather Radar System) के साथ ही लेटेस्ट 'नाइट विजन' इक्युपमेंट्स से लैस है। इसमें पीकेवी-8 ऑटो पायलट मोड की भी सुविधा है। इसके बावजूद खराब मौसम के कारण यह हादसे का शिकार हो गया। 

नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत (Bipin Rawat) को ले जा रहा भारतीय वायुसेना (India Airfroce) का एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर (Mi-17V5 Helicopter) सेना के बेहतरीन हेलिकॉप्टर्स में से एक है। रशियन हेलिकॉप्टर की कंपनी 'कजान' इसे बनाती है। अब तक हादसे के कारणों पर कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन प्रारंभिक तौर पर बताया जा रहा है कि हेलिकॉप्टर क्रैश होने की वजह कुन्नूर का खराब मौसम रहा। लेकिन, यह हेलिकॉप्टर नाइट विजन, ऑटो पायलट मोड और वेदर रडार से लैस है। ऐसे में हादसे पर सवाल उठ रहे हैं। 
हादसे को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि दरअसल, जिस वक्त और जिस जगह हादसा हुआ, वहां घना जंगल है। पहाड़ी इलाका होने और लो विजिबिलिटी की वजह से ही हेलिकॉप्टर क्रैश होने की बात कही जा रही है। गौरतलब है कि वेलिंगटन का हेलिपैड जंगल और पहाड़ी इलाके के तुरंत है, इसलिए पायलट के लिए इसे दूर से देख पाना मुश्किल होता है। ऐसे में खराब मौसम में हेलिकॉप्टर की लैंडिंग यहां हमेशा ही चुनौतीपूर्ण रहती है। बताया जाता है कि कम विजिबिलिटी की वजह से यह कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। लैंडिंग पॉइंट से दूरी कम होने की वजह से भी हेलिकॉप्टर काफी नीचे था। नीचे घने जंगल थे, इसलिए क्रैश लैंडिंग भी फेल हो गई। इस हेलिकॉप्टर के पायलट ग्रुप कैप्टन और सीओ रैंक के अधिकारी थे, जो सेना के सबसे काबिल पायलट्स में से होते हैं। हेलिकॉप्टर दो इंजन वाला था। ऐसे में अगर एक इंजन फेल हो जाता तो भी बाकी बचे दूसरे इंजिन से लैंडिंग की जा सकती थी।

2012 से एयरफोर्स के बेड़े में है रूस की कंपनी का अत्याधुनिक Mi-17V5



- एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर मौसम रडार के साथ ही लेटेस्ट 'नाइट विजन' इक्युपमेंट्स से लैस है। इसमें पीकेवी-8 ऑटो पायलट मोड की भी सुविधा है। 
- एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर 4,000 किलोग्राम वजनी सामग्री ले जाने में सक्षम है। भारत ने 2008 में मानवीय तथा आपदा राहत अभियानों और परिवहन कार्यों के मद्देनजर अपने हेलिकॉप्टर बेड़े को मजबूत करने के लिए 80 एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर की खरीद के लिए रूस के साथ एक - - समझौता किया था। हालांकि, बाद में इनकी संख्या बढ़ाकर 151 कर दी गई थी। 
- इन हेलिकॉप्टर की पहली खेप सितंबर 2011 में भारत पहुंची थी। इंडियन एयरफोर्स फरवरी 2012 में औपचारिक रूप से एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल किया था। 
- ये हेलिकॉप्टर कई तरह के हमलों से सेल्फ डिफेंस सिस्टम से भी लैस है। एमआई श्रेणी का ये हेलिकॉप्टर 250 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार पकड़ सकता है। 

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