ऐसे हेलमेट से अब काम नहीं चलेगा! केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

Published : Aug 12, 2024, 10:55 AM IST
ऐसे हेलमेट से अब काम नहीं चलेगा! केंद्र सरकार ने जारी की नई गाइडलाइन

सार

देश में घटिया और बिना मानक वाले हेलमेट के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार एक नए अभियान के साथ आगे आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इस संबंध में जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों को निर्देश जारी किए हैं।

सड़क सुरक्षा बढ़ाने के अपने प्रयासों के तहत, केंद्र सरकार देश भर में घटिया और बिना मानक वाले बाइक हेलमेट के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार देश में घटिया और बिना मानक वाले हेलमेट के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए एक नए अभियान के साथ आगे आई है।  बताया जा रहा है कि केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने इस संबंध में जिला कलेक्टरों और मजिस्ट्रेटों को निर्देश जारी किए हैं। 

यह कदम हेलमेट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। उपभोक्ता मंत्रालय ने बिना आईएसआई मार्क वाले और घटिया क्वालिटी के हेलमेट बनाने वाली फैक्ट्रियों को सील करने का आदेश दिया है। सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों, खासकर दोपहिया वाहनों से जुड़ी दुर्घटनाओं में खतरनाक वृद्धि के साथ, यह कदम घटिया हेलमेट के कारण होने वाली मौतों और चोटों को कम करने के उद्देश्य से है। अधिकारियों का कहना है कि घटिया हेलमेट बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए पहले से ही कानून मौजूद है, लेकिन इसके बावजूद ऐसे हेलमेट बनाए और बेचे जा रहे हैं।

रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने राज्यों को बिना आईएसआई मार्क वाले हेलमेट की बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने राज्यों को भेजे एक पत्र में जिला कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे बिना आईएसआई पंजीकरण के हेलमेट बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें। पत्र में कहा गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) प्रमाणन के बिना बेचे जा रहे हेलमेट सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण हैं।

पत्र में कहा गया है कि बीआईएस लाइसेंस और आईएसआई मार्क के बिना हेलमेट बनाने वालों और बेचने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए। इसमें जिला कलेक्टरों को घटिया हेलमेट के उत्पादन और बिक्री के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। हेलमेट सहित औद्योगिक उत्पादों की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बीआईएस द्वारा निर्धारित भारतीय मानकों के अनुरूप होने का संकेत देने वाला आईएसआई मार्क महत्वपूर्ण है।

खराब हेलमेट से क्या नुकसान है?
अगर आप खराब हेलमेट पहनते हैं तो दुर्घटना होने पर यह आपकी रक्षा नहीं करेगा। एक खराब हेलमेट आपके सिर की रक्षा नहीं करेगा और न ही दुर्घटना में आपकी जान बचाएगा। अगर आप घटिया क्वालिटी का हेलमेट इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे तुरंत बदलकर नया और बेहतर हेलमेट खरीदना चाहिए। पिछले कुछ वर्षों में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने दोपहिया वाहनों पर सवार होने वालों और पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। इसके बावजूद, घटिया हेलमेट की बिक्री सड़क सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बनी हुई है।

एक अच्छे हेलमेट में क्या खूबियां होनी चाहिए?
सड़क पर दुर्घटना होने पर आपको सुरक्षित रखने वाले हेलमेट में आईएसआई मार्क, डीओटी मार्क होना चाहिए। भारतीय हेलमेट का मानक चिह्न आईएसआई है। वहीं डीओटी मानक अमेरिकी है। दुर्घटना होने पर ये दोनों मानक आपके सिर और जान को सुरक्षित रखते हैं।

आईएसआई और डीओटी मार्क वाले हेलमेट की कीमत
आईएसआई मार्क और डीओटी मार्क वाले हेलमेट आपको 1500 रुपये या 2000 रुपये की शुरुआती कीमत पर मिल जाएंगे। हेलमेट स्टीलबर्ड जैसी कंपनी का खरीदना चाहिए। उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि हेलमेट खरीदते समय आईएसआई प्रमाणन की जांच कर लें। इस आवश्यकता का पालन न करने पर बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। केंद्र सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि बाजार में केवल सख्त सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले हेलमेट ही उपलब्ध हों।

सरकार की कार्ययोजना
उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने जिला मजिस्ट्रेटों को घटिया हेलमेट बनाने वालों और खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया है। निर्देश में जिला स्तर पर गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों और कानूनों को लागू करने और इन प्रयासों को व्यापक सड़क सुरक्षा अभियानों के साथ जोड़ने को कहा गया है।

टू व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कपूर ने सरकार के इस कदम का समर्थन किया है। कपूर ने जोर देकर कहा कि एक साल में दस लाख लोगों की जान बचाना हमारे देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और 2016 के बीआईएस अधिनियम के तहत किसी भी उल्लंघन को कड़ी सजा दी जाएगी।

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