
Chandigarh-Kullu Highway Traffic Jam: उत्तर भारत में इस बार मानसून राहत से ज्यादा आफत बनकर बरस रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश ने पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जगह-जगह सड़कें बंद हैं, यातायात ठप है और हालात आपदा जैसे हो गए हैं। मौसम विभाग का कहना है कि उत्तर भारत और पहाड़ी राज्यों में फिलहाल बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। जम्मू के वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भारी बारिश से हुए भूस्खलन में 35 लोगों की मौत हो गई है। वहीं दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में भी बारिश ने जमकर तबाही मचाई है।
हिमाचल प्रदेश की स्थिति सबसे गंभीर है। यहां लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से कुल्लू और मंडी जिलों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। चंडीगढ़-कुल्लू हाईवे पर लैंडस्लाइड से हजारों ट्रक फंस गए हैं। इस कारण फल और सब्जियां खराब हो रही हैं। छोटी गाड़ियों के लिए रास्ता खोला गया है, लेकिन ट्रक अब भी जाम में फंसे हैं। राज्य में 534 सड़कों को बंद करना पड़ा है और 1,184 ट्रांसफार्मर बंद पड़ने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।
एसडीएमए के मुताबिक,अचानक आई बाढ़ और मकान ढहने की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 310 हो गई है। कुल्लू में सबसे ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जहां एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 166 सड़कें बंद हैं। मंडी में 216 सड़कें बंद होने से यातायात पूरी तरह प्रभावित है। बिजली आपूर्ति में भी भारी संकट है—कुल्लू में 600 और मंडी में 320 ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं, जबकि कांगड़ा में पेयजल आपूर्ति पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है।
भारी बारिश और भूस्खलन के कारण दिल्ली-एनसीआर में सामान सप्लाई पर संकट पैदा हो सकता है। मीडिया चैनल से बात करते हुए ट्रक ड्राइवर गफ्फार ने बताया कि उसके सेब साहिबाबाद फल मंडी पहुंचने थे लेकिन वह 5 दिन से कूल्लू में फंसा हुआ है, जिससे सेब खराब हो रहे हैं। एक ट्रक में भरे सेब की कीमत करीब 4 से 4.5 लाख रुपये है। इसी तरह हजारों ट्रक आजादपुर और साहिबाबाद मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। चंडीगढ़ से कुल्लू जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंडी से कूल्लू के बीच आधा दर्जन जगहों पर भूस्खलन हुआ है, जिस वजह से रास्ता खोलने में समय लग रहा है।