चंद्रयान मिशन-3: सो गया अपना प्रज्ञान रोवर, चांद पर 22 सितंबर को सूर्योदय होने पर जागने की उम्मीद

यह इस तरह पार्क किया गया है कि 22 सितंबर 2023 को जब चंद्रमा पर सूर्योदय हो तो सूर्य का प्रकाश उसके सौर पैनलों पर पड़े। इसका रिसीवर चालू है।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 2, 2023 5:31 PM IST / Updated: Sep 03 2023, 12:54 AM IST

Pragyan Rover Sleep mode: चंद्रयान-3 मिशन प्रज्ञान रोवर ने अपना काम पूरा कर लिया है। इसरो ने बताया कि प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड पर डाल दिया गया है। इसके दोनों पेलोड APXS और LIBS बंद कर दिए गए हैं। पेलोड के सारे डेटाज केा लैंडर के जरिए पृथ्वी पर रिसीव कराया जा चुका है।

चांद पर अगला सूर्योदय 22 सितंबर को होगा

चांद पर सूर्यास्त होने के बाद प्रज्ञान रोवर को स्लीप मोड पर भेज दिया गया है। हालांकि, इसरो ने बताया कि प्रज्ञान रोवर की बैटरी पूरी तरह चार्ज है। रोवर को पार्क कर दिया गया है। यह इस तरह पार्क किया गया है कि 22 सितंबर 2023 को जब चंद्रमा पर सूर्योदय हो तो सूर्य का प्रकाश उसके सौर पैनलों पर पड़े। इसका रिसीवर चालू है। वैज्ञानिकों ने आशा जताई है कि यह 22 सितंबर को फिर से काम करना शुरू कर देगा।

14 दिनों का ही चंद्रयान-3 मिशन

चंद्रयान-3 मिशन 14 दिनों का है। यह इसलिए क्योंकि चंद्रमा पर एक दिन, पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। रोवर लैंडर सूर्य से मिलने वाली सौर उर्जा से पॉवर जनरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है। ऐसे में इन 14 दिनों तक तो उसे सौर उर्जा से पॉवर मिलता रहा। लेकिन अब चंद्रमा पर रात होने पर वह पॉवर जनरेट करने में सक्षम नहीं होगा। ऐसी स्थिति में वह स्लीप मोड में है। हालांकि, वहां की भयंकर ठंड की वजह से उसके उपकरण 22 सितंबर तक सही सलामत रहे तो वह सौर उर्जा लेकर फिर से काम करना शुरू कर सकता है।

23 अगस्त को हुई थी सफल लैंडिंग

चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग 23 अगस्त को शाम 6 बजकर 4 मिनट पर हुई थी। बुधवार को चंद्रयान 3 की लैंडिंग कराकर भारत ने इतिहास रच दिया था। साउथ पोल पर स्पेसक्रॉफ्ट उतारने वाला पहला देश भारत बन गया है। हालांकि, चांद पर स्पेसक्रॉफ्ट भेजने वाला भारत चौथा देश है। कैसा है चंद्रमा का टेंपरेचर पढ़ें पूरी खबर…

Read more Articles on
Share this article
click me!