गोल्ड तस्करी करने यूट्यूबर ने सैलरी पर रखे कर्मचारी, 2 मंथ में 267 kg. Gold गायब

Published : Jul 16, 2024, 06:23 PM ISTUpdated : Jul 16, 2024, 07:16 PM IST
gold smuggling

सार

चेन्नई के एक यूट्यूबर को सोना तस्करी (Gold Smuggling) का रैकेट चलाने के लिए पकड़ा गया है। उसने इस काम के लिए लोगों को सैलरी पर रखा था। वह रेक्टम में रखकर सोना लाने की ट्रेनिंग देता था। 

चेन्नई। चेन्नई के एक यूट्यूबर साबिर अली को सोना तस्करी (Gold smuggling) का रैकेट चलाने के लिए गिरफ्तार किया गया है। वह चेन्नई एयरपोर्ट पर AirHub नाम का गिफ्ट शॉप चलाता था। यह दिखाने के लिए था। उसका असली काम सोना तस्करी करना था। वह अंतरराष्ट्रीय सोना तस्करी गिरोह से जुड़ा हुआ था।

सोने की तस्करी के लिए उसने सात लोगों को वेतन पर रखा था। ये विदेश से दूसरे तस्करों द्वारा लाए गए सोने को अपने रेक्टम में रखते और एयरपोर्ट के बाहर पहुंचाते थे। साबिर अपने कर्मचारियों को ट्रेनिंग देता था ताकि कोई गड़बड़ी नहीं हो। कस्टम विभाग के अधिकारियों ने उसके सोना तस्करी के तरीके पर से पर्दा हटाया है।

सोने का एक गेंद रेक्टम में रखकर लाने पर मिलता था 5000 रुपए एक्स्ट्रा

कस्टम विभाग ने साबिर का राज 29-30 जून को जान लिया था। इसके बाद 29 साल के साबिर और उसके 7 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। जांच के दौरान इस गिरोह की कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। साबिर ने सातों को 15 हजार रुपए प्रति महीने के वेतन पर रखा था। इसके साथ ही 5000 हजार रुपए प्रति सोने के गेंद के दर से अतिरिक्त पैसा देता था।

इसका मतलब है कि अगर कोई अपने रेक्टम में सोने का एक गेंद लाया तो उसे 5000 रुपए दिए जाते थे। एक व्यक्ति एक बार में अधिकतम तीन गेंद लाता था। इसका वजन करीब 900 ग्राम होता था। तस्करी के काम में जुड़ने वाले नए व्यक्ति को पहले एक गेंद लाने के लिए मिलता था। अनुभव के साथ इसकी संख्या तीन तक पहुंचती थी।

सिलिकॉन के पैकेट में सोना डालकर करते थे तस्करी

सोने को ये लोग पेस्ट या पाउडर के रूप में लाते थे। उसे गेंद के आकार के पैकेट में रखा जाता था। सोने को सिलिकॉन के थैले में रखा जाता था। तस्कर विदेश से आने वाले "कैरियर्स" से ट्रांजिट लाउंज में सोने की खेप प्राप्त करते थे। उसे अपने रेक्टम में छिपाते और एयरपोर्ट के बाहर आकर पहले से इंतजार कर रहे लोगों को दे देते थे।

दो महीनों में इस गिरोह ने 167 करोड़ रुपए के 267 किलोग्राम सोने की तस्करी की। सीमा शुल्क अधिकारियों का अनुमान है कि इस दौरान साबिर ने लगभग 2.5 करोड़ रुपए कमाए। अधिकारियों ने बताया कि साबिर के लोगों में से एक ने दो महीनों में 80 बार ऐसा करना स्वीकार किया है।

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एक्स-रे की मदद से पकड़ा गया सोना तस्करी गिरोह

इन लोगों को कस्टम द्वारा पकड़े जाने से बचने के लिए बैठने के दौरान सोना रेक्टम में पकड़े रखने का अभ्यास कराया गया था। उन्हें काम दिए जाने से 10 दिन पहले से ट्रेनिंग दी जाती थी। सीमा शुल्क अधिकारी ने बताया कि अभ्यास के साथ ये लोग एक घंटे तक अपने रेक्टम में सोना रखने के आदी हो गए थे, भले ही हम उन्हें बैठने के लिए कहें। इस गिरोह के बारे में अधिकारियों को 29 जून को पता चला। इनका एक आदमी एक्स-रे जांच में पकड़ा गया। वह सोने के तीन बॉल रेक्टम में रखे हुए था।

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