Chhawla Rape Case: रेप के बाद भी नहीं भरा दिल तो पार की हैवानियत की हदें, सिगरेट से दागा-आंखों में डाला तेजाब

10 साल पहले दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की एक लड़की के साथ हुए गैंगरेप के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि 2014 में लोअर कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस में तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है।

Asianet News Hindi | Published : Nov 7, 2022 9:37 AM IST / Updated: Nov 07 2022, 03:08 PM IST

Chhawla Gang Rape Case: 10 साल पहले दिल्ली के छावला इलाके में 19 साल की एक लड़की के साथ हुए गैंगरेप के दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने बरी कर दिया है। बता दें कि 2014 में लोअर कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट ने इस केस में तीन आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने इस हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए आरोपियों को बरी कर दिया है। आखिर क्या है छावला केस और किस तरह आरोपियों ने पार की थी अमानवीयता की सारी हदें, आइए जानते हैं। 

क्या है छावला गैंगरेप केस?
छावला रेप केस (Chhawla rape case) फरवरी, 2012 में उस वक्त हुआ था, जब 19 साल की एक लड़की का अपहरण कर आरोपियों ने उसके साथ दरिंदगी और हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। यहां तक कि बलात्कार करने के बाद आरोपियों ने उसकी आंख में खौलता हुआ तेजाब डाल दिया था। बता दें कि दिल्ली की लोअर कोर्ट और हाईकोर्ट ने इस केस की सुनवाई के दौरान लड़की को 'अनामिका' नाम दिया था। तभी से इसे अनामिका केस के नाम से भी जाना जाता है।  

दफ्तर से लौटते वक्त किया अपहरण : 
9 फरवरी 2012 की रात उत्तराखंड की रहने वाली पीड़िता जब दफ्तर से लौट रही थी, तभी तीन आरोपियों रवि कुमार, राहुल और विनोद ने लड़की को अगवा कर लिया था। आरोपी उसे गाड़ी में जबर्दस्ती बैठाकर दिल्ली से बाहर छावला इलाके में ले गए, जहां उसके साथ गैंगरेप किया गया। 

लड़की के साथ 'निर्भया' की तरह बर्बरता : 
गैंगरेप के बाद भी जब आरोपियों का दिल नहीं भरा तो उन्होंने पीड़िता की आंख में तेजाब डाल दिया। इतना ही नहीं, उसके पूरे शरीर को सिगरेट से जलाया गया। लड़की ने जब विरोध किया तो उस पर कार में इस्तेमाल होने वाले टूल्स से हमला किया गया। गैंगरेप के बाद आरोपियों ने उसकी हत्या कर लाश को हरियाणा के रेवाड़ी में फेंक दिया था, जहां से 14 फरवरी को पुलिस ने शव बरामद किया था। 

कौन थी पीड़िता?
'अनामिका' मूलत: उत्तराखंड के पौड़ी-गढ़वाल जिले की रहने वाली थी। वो दिल्ली के छावला इलाके के कुतुब विहार में रहती थी। 14 फरवरी, 2012 को उसकी क्षत-विक्षत लाश हरियाणा के रेवाड़ी में एक खेत से बरामद हुई थी। अनामिका से गैंगरेप के दौरान उसे कार में इस्तेमाल होने वाले औजारों से बुरी तरह पीटा गया था। इतना ही नहीं, उसके पूरे शरीर को सिगरेट और गर्म लोहे से दागा गया था।  

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