मोरबी पुल हादसा: गुजरात HC ने लिया स्वत: संज्ञान, सरकार और अधिकारियों से 14 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट

गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार(7 नवंबर) को मोरबी पुल हादसे का स्वत: संज्ञान(suo motu) लिया है। 14 नवंबर तक इस मामले में स्थिति रिपोर्ट मांगी है। मोरबी शहर में माच्छू(मच्छू) नदी पर 30 अक्टूबर शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने से हुई भीषण घटना में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

Amitabh Budholiya | Published : Nov 7, 2022 9:07 AM IST / Updated: Nov 07 2022, 02:38 PM IST

अहमदाबाद.  गुजरात हाईकोर्ट ने सोमवार(7 नवंबर) को मोरबी पुल हादसे का स्वत: संज्ञान(suo motu) लिया है और राज्य सरकार और स्थानीय अधिकारियों को नोटिस जारी करके 14 नवंबर तक इस मामले में स्थिति रिपोर्ट मांगी है। मोरबी शहर में माच्छू(मच्छू) नदी पर 30 अक्टूबर शाम 140 साल पुराने पुल के ढह जाने(Gujarat Bridge collapse) से हुई भीषण घटना में 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के लिए पुल के मेंटेनेंस में खामियां सामने आई थीं। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

जानिए हाईकोर्ट ने क्या कहा?
एक निजी फर्म द्वारा 7 महीने के मरम्मत कार्य के बाद 26 अक्टूबर को मोरबी पुल को जनता के लिए खोल दिया गया था। हालांकि मेंटेनेंस में खामियों के चलते यह टूट गया था। चीफ जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस आशुतोष शास्त्री की बेंच ने एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी को संबोधित करते हुए कहा, "हमने मोरबी की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। हम तो उसी दिन बैठ जाते, लेकिन वैकेशन था।"  बेंच ने एक अखबार की रिपोर्ट के आधार पर घटना का संज्ञान लिया है।

कोर्ट ने कहा कि वह सरकार द्वारा की गई कार्रवाई देखना चाहती है। मुख्य सचिव और गृह सचिव को अगले सोमवार तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है, जब मामला सुनवाई के लिए आएगा। राज्य मानवाधिकार आयोग को भी 14 नवंबर तक मामले में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। नगरपालिका दस्तावेज के अनुसार मोरबी स्थित घड़ी और ई-बाइक निर्माता ओरेवा समूह को नगर पालिका द्वारा 15 साल के लिए खराब पुल की मरम्मत और संचालन का ठेका दिया गया था। इसके एवज में 10 रुपये से 15 रुपये की सीमा में टिकट चार्ज किया गया था। 26 अक्टूबर को ओरेवा समूह ने दावा किया कि उसने मरम्मत कार्य के लिए विशेषज्ञों को शामिल किया था और उपयोग की जाने वाली सामग्री विशेष फर्मों द्वारा स्पेसिफिकेशंस के अनुसार बनाई थी। पुल हादसे में पुलिस ने ओरेवा समूह के चार लोगों सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया था। हादसे के तीसरे दिन यानी 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल में जाकर घायलों से मिले थे। उन्होंने एसपी आफिस में एक मीटिंग भी की थी।

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