कोर्ट में चिदंबरम: सिब्बल ने कहा, रात में ही ले गई सीबीआई, लेकिन दोपहर तक नहीं पूछे एक भी सवाल
कपिल सिब्बल ने कोर्ट में बहस करते हुए कहा, इस मामले में कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं। उन्हें मार्च 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई थी।
Asianet News Hindi | Published : Aug 22, 2019 11:20 AM IST / Updated: Aug 22 2019, 07:10 PM IST
नई दिल्ली. आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पेशी हुई। वहां पहले उन्होंने अपने वकील विवेक तन्खा, कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी से मुलाकात की। इसके बाद कठघरे में खड़े हो गए। यहां उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह कोर्ट रूम तो बहुत छोटा है। मुझे बड़े कोर्ट रूम की उम्मीद थी।
पी चिदंबरम के पक्ष में सिब्बल की दलील
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कपिल सिब्बल ने कोर्ट में बहस करते हुए कहा, इस मामले में कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं। उन्हें मार्च 2018 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी थी। अन्य आरोपियों को भी जमानत मिल गई थी।
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी 6 अधिकारियों द्वारा दी गई है। किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह दस्तावेजी साक्ष्य का मामला है। चिदंबरम कभी पूछताछ से पीछे नहीं हटे।
कल रात सीबीआई ने कहा कि वे चिदंबरम से पूछताछ करना चाहते थे। लेकिन पहर 12 बजे तक पूछताछ शुरू तक नहीं हुई। इसके बाद उनसे केवल 12 सवाल पूछे गए। अब तक उन्हें पता होना चाहिए कि क्या सवाल पूछे जाएं। जो सवाल पूछे गए उनसे चिदंबरम से कोई लेना-देना नहीं है।
सॉलिसिटर ने कहा, आरोपी को बोलने की इजाजत न मिल कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी के आग्रह के बाद जज ने चिदंबरम से पूछा कि क्या आपके पास बोलने के लिए कुछ है? इसपर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आरोपी को बोलने की इजाजत न मिले।
इंद्राणी मुखर्जी ने चिदंबरम के खिलाफ क्या बयान दिया था?
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सरकारी गवाह बनीं इंद्राणी मुखर्जी के बयान पर चिदंबरम की गिरफ्तारी की गई है। सरकारी गवाह का बयान स्टेटस होता है, सबूत नहीं।
आईएनएक्स की प्रमोटर इंद्राणी मुखर्जी सरकारी गवाह बन गई हैं। उन्होंने ईडी के सामने कहा था, आईएनएक्स मीडिया द्वारा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड को आवेदन दिए जाने के बाद वह अपने पति और कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ चिदंबरम से मिलने उनके दिल्ली के उत्तरी ब्लॉक ऑफिस में गई थी।"
"पीटर ने कहा कि कथित अनियमितताओं को कार्ति चिदंबरम की मदद और सलाह के साथ सही किया जा सकता है, क्योंकि उनके पिता तत्कालीन वित्त मंत्री थे।"
इंद्राणी ने ईडी को बताया, "वे कार्ति से दिल्ली के एक होटल में मिली थीं। कार्ति ने पूछा कि क्या मामले को सुलझाने के लिए $ 1 मिलियन उनके या उनके सहयोगियों के विदेशी खाते में ट्रांसफर किए जा सकते हैं। तब पीटर ने कहा कि विदेशी ट्रांसफर संभव नहीं है। तब उन्होंने भुगतान करने के लिए दो फर्मों 'चेस मैनेजमेंट' और 'एडवांटेज स्ट्रेटजिक' के नाम सुझाए।"