असम में मुख्यमंत्री सोनोवाल ने निकाला शांति मार्च, ASU ने जताया विरोध

असम में सामान्य होते हालात के बीच मु्ख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शांति मार्च निकाला। इस बीच संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध में शुक्रवार को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और अन्य संगठनों ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किए। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 20, 2019 5:40 PM IST

नलबाड़ी. असम में सामान्य होते हालात के बीच मु्ख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शांति मार्च निकाला। इस बीच संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध में शुक्रवार को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन और अन्य संगठनों ने राज्य के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन भी किए। शांति मार्च में सोनोवाल के साथ मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा, चंद्रमोहन पटवारी, भाबेश कालिता, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रंजीत दास, बोडोलैंड पीपुल फ्रंट के राज्यसभा सांसद बिस्वजीत देमारी, एजीपी और भाजपा के कार्यकर्ता शामिल हुए।

एएएसयू ने अलग से “बज्र निनाद”(युद्ध रुदन) के नाम से प्रदर्शन आयोजित किया। रैली के पहले मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए राज्य में शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की और कहा , “हम असम को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।” उन्होंने बाद में ट्वीट किया कि यह रैली असम के लोगों को विकास और प्रगति के रास्ते पर चलते रहने और राज्य में सद्भाव और शांति बनाए रखने के लिए आह्वान था।

शांति और विकास के लिए निकाली रैली- हिमंत बिस्व शर्मा
स्वास्थ्य एवं वित्त मंत्री हिमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि यह रैली असम में शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए निकाली गई थी और लोग भी यही चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, “रैली में लोगों की भागीदारी और प्यार देखकर आह्लादित हूं। छोटे बच्चों से लेकर महिलाओं तक सबने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह में अपना भरोसा साबित कर दिया है।”

एएएसयू रैली में वक्ताओं ने कहा कि लोगों ने यहां सीएए के खिलाफ शांतिपूर्वक विरोध जताया और यहां शांति मार्च की कोई आवश्यकता नहीं है। शांति मार्च निकालने के बजाय राज्य सरकार को सीएए को रद्द करने के लिए केंद्र पर दबाव डालना चाहिए। अखिल असम वकील संघ ने ‘राज भवन चलो’ मार्च निकाला और राज्यपाल जगदीश मुखी को ज्ञापन सौंप कर अधिनियम वापस लेने की मांग की। अधिनियम वापस लेने की मांग करने वाले 51 संगठनों के संयुक्त मंच सम्मिलित सोनग्राम परिषद ने शुक्रवार शाम को मशाल जूलूस निकाला।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)  

Share this article
click me!