दिल्ली के स्कूलों में कोरोना के नए केस बढ़ रहे हैं। पिछले दिनों स्कूल खुलते ही इक्का-दुक्का बच्चाें में संक्रमण के मामले पाए गए हैं। कुछ शिक्षक भी संक्रमित हुए हैं। इसे देखते हुए सरकार नई गाइडलाइन जारी की है।
नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर (Covid 19 third wave) खत्म होने के बाद सारी पाबंदियां हट चुकी हैं। देशभर में स्कूल भी चालू हो गए हैं। इस बीच दिल्ली के स्कूलों में कुछ बच्चे और शिक्षकों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (Covid 19 Positive Report)आई है। दिल्ली में भी मामलों में थोड़ी वृद्धि हुई है। ऐसे में दिल्ली सरकार स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन जारी कर दी है।
इसके तहत स्कूल में कोई भी कोरोना पॉजिटिव मामला मिला तो तुरंत शिक्षा विभाग ( DoE) को जानकारी देनी होगी। यही नहीं, तुरंत स्कूल को बंद करना होगा। यदि स्कूल बड़ा है तो उस विंग को बंद कर दिया जाएगा, जहां कोई संक्रमित मिला है। इसके अलावा स्कूल में छात्रों और शिक्षकों को मास्क पहनना होगा। सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य गाइडलाइन का पालन करना होगा।
डिप्टी सीएम ने कहा- कल तक जारी होगी नई गाइडलाइन
स्कूली बच्चों में कोरोना के केस मिलने के बाद गुरुवार दोपहर दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने इस संबंध में एक प्रेस वार्ता की। उन्होंने कहा कि स्कूलों के लिए नए सिरे से कोरोना गाइडलाइन्स जारी की जाएगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि कोरोना के हालातों पर पूरी तरह से नियंत्रण हो चुका है, लेकिन कहीं- कहीं बच्चे या शिक्षक संक्रमण की चपेट में आए हैं। सिसौदिया ने कहा कि अभी दो-तीन दिन की स्कूलों में छुटि्टयां हैं। तब तक हम दिल्ली के स्कूलों के लिए नई गाइडलाइन्स तैयार करवा लेंगे। डिप्टी सीएम ने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हमारे पास पूरी तैयारी है, इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है।
नोएडा में भी 23 छात्र पॉजिटिव मिल चुके
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 13 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना के 299 नए मामले मिले थे। यहां पाॅजिटीविटी रेट 2.49% तक पहुंच गई है। दिल्ली के एक स्कूल में एक छात्र और एक शिक्षक भी पॉजिटिव मिला। इसके बाद अन्य छात्रों को उसी समय घर भेज दिया गया था। नोएडा के चार स्कूलों में 23 छात्र कोविड पॉजिटिव पाए जा चुके हैं।
दो-तीन फीसदी फीस बढ़ाने की अनुमति
नए सत्र में स्कूलों की फीस बढ़ाने के सवाल पर डिप्टी सीएम ने कहा कि 2015 के बाद से हमने प्राइवेट स्कूलों की फीस नहीं बढ़ने दी। 2016-17 में बहुत सारे स्कूलों ने जब फीस बढ़ाने की मांग की तो हमने स्कूलों का ऑडिट कराया। जिन स्कूलों के खातों में बैंक बैलेंस, एफडी में फीस का पैसा जमा था, उन्हें हमने किसी को फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी। 2017 से लेकर 2021 तक हमने किसी को फीस नहीं बढ़ाने दी। हमारी जांच में जिन स्कूलों के पास पैसा नहीं मिला है, उनमें से कुछ को 2 से 3 प्रतिशत फीस बढ़ाने की अनुमति दी गई है। यदि कोई स्कूल मनमर्जी से फीस बढ़ा लेता है और पैरेंट्स की शिकायत आती है तो उसके खिलाफ हम पूरी जांच कराते हैं और एक्शन लेते हैं।
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