सोची समझी साजिश के तहत चीन सीमा पर कर रहा घुसपैठ, LAC पर तनाव बढ़ाने के पीछे ड्रैगन की यह है रणनीति

2020 के गालवान संघर्ष के बाद से चीन और भारत के रिश्तों के बीच तनातनी बनी हुई है। एक स्टडी में दावा किया गया है कि चीन विवादित सीमा क्षेत्रों पर स्थायी नियंत्रण हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से घुसपैठ कर रहा है।
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 13, 2022 5:53 AM IST

नई दिल्ली। चीन भारत से लगती सीमा पर सोची समझी रणनीति के तहत घुसपैठ कर रहा है। पीएलओएस वन जर्नल में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार एनएसी (Line of Actual Control) पर चीन की घुसपैठ आकस्मिक घटनाएं नहीं हैं। चीन विवादित सीमा क्षेत्रों पर स्थायी नियंत्रण हासिल करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से घुसपैठ कर रहा है।

2020 के गालवान संघर्ष के बाद से चीन और भारत के रिश्तों के बीच तनातनी बनी हुई है। दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने हैं। दोनों देशों की सेनाओं के बीच होने वाली नियमित बातचीत से तनाव भले कम हुआ है, लेकिन अभी भी स्थिति गंभीर है। एलएसी पर जारी तनाव को लेकर भारत और चीन के बीच कई दौर की कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बैठकें हो चुकी हैं।

अचानक होने वाली घटना नहीं है चीनी घुसपैठ
भारत का कहना है कि जब तक सीमा पर तनाव है भारत और चीन के संबंध सामान्य नहीं हो सकते। भारत द्वारा चीन पर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग करने का भी आरोप लगाया गया है। "हिमालय में बढ़ता तनाव: भारत में चीनी सीमा घुसपैठ का एक भू-स्थानिक विश्लेषण" नामक नए स्टडी में इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि चीन भारतीय सीमा क्षेत्र में कैसे घुसपैठ करता है।

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स्टडी में कहा गया है कि चीनी घुसपैठ ऐसी घटना नहीं है जो अचानक हो गई हो। चीन द्वारा इसे योजनाबद्ध रणनीतिक की तरह अंजाम दिया जा रहा है। पश्चिम और पूर्व में तनाव एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। देपसांग, पैंगोंग और डोकलाम में सबसे अधिक तनाव है। चीन घुसपैठ कर सीमा के महत्वपूर्ण इलाकों पर स्थायी नियंत्रण हासिल करने की कोशिश में है। अध्ययन में कहा गया है कि भारत को रेड जोन में अपनी उपस्थिति बढ़ानी चाहिए और चीनी घुसपैठ का मुकाबला करना चाहिए।

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गौरतलब है कि पिछले महीने विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत में निवर्तमान चीनी दूत सन वेइदॉन्ग से मुलाकात की थी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि द्विपक्षीय संबंधों को बनाए रखने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति आवश्यक है। सुन से मुलाकात के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया था कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और अमन जरूरी है। भारत-चीन संबंधों का सामान्यीकरण दोनों देशों, एशिया और दुनिया के बड़े हित में है।

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