दलाई लामा के बारे में जानकारी जुटाने के लिए बौद्ध और तिब्बती भिक्षुओं को चीनी जासूस ने दिया फंड

चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में चीन के रिश्वतखोर अफसरों द्वारा भारत के कई हिस्सों से दलाई लामा और तिब्बत में उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाने का मामला सामने आया था।

Asianet News Hindi | Published : Sep 24, 2020 4:48 PM IST / Updated: Sep 24 2020, 10:32 PM IST

बेंगलुरु. चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। हाल ही में चीन के रिश्वतखोर अफसरों द्वारा भारत के कई हिस्सों से दलाई लामा और तिब्बत में उनके सहयोगियों के बारे में जानकारी जुटाने का मामला सामने आया था। अब बताया जा रहा है कि चीनी जासूस बौद्ध और तिब्बती भिक्षुओं को पैसे देकर दलाई लामा के बारे में संवेदनशील जानकारी इकट्ठा कर रहे थे। वर्तमान दलाई लामा 14 वें दलाई लामा हैं। दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे नए स्कूल गेलुग मठ के अहम भिक्षु हैं।

हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास मैकलियोडगंज केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) का मुख्यालय है, जहाँ दलाई लामा भी निवास करते हैं। हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के पास मैक्लोडगंज में केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA) का मुख्यालय है। यहीं दलाई लामा रहते हैं। 

सुवर्णा टीवी ने किया बड़ा खुलासा
कर्नाटक की एक बड़ी टीवी चैनल सुवर्णा टीवी (Suvarna TV) ने गुरुवार को दलाई लामा की जासूसी को लेकर एक नया खुलासा किया। चैनल ने बताया कि कैसे दलाई लामा के बारे में जानकारी इकट्ठा करने वाले चीनी जासूसों की रिंग कर्नाटक से होकर गुजरती है। 

ऐसे जुटा रहे थे जानकारी
भारत सरकार की एजेंसियों ने हाल ही में चीनी नागरिकों के एक नेटवर्क का खुलासा किया है। जो हवाला के माध्यम से कुछ तिब्बती भिक्षुओं को तिब्बत में उनके परिवार से  पैसे भेजता था और दलाई लामा के बारे में संवेदनशील जानकारी इकट्ठा करते थे।  

13 सितंबर को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार हुआ था पेंग 
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया था। उसे जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह दिल्ली से लगातार कर्नाटक और हिमाचल तक पैसे भेज रहा था। यहां देश की सबसे बड़ी तिब्बती बस्तियां हैं।
 

 Chinese national Charlie busted by T Dept for hawala money and snooping on Dalai Lama
चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग


 
'कैसे पहुंचा पैसा'
मैसूर जिले के बायलाकुप्पे में बौद्ध भिक्षुओं और उत्तरा कन्नड़ जिले के मुंदगोड़ा में तिब्बती शिविर पर लाखों की संपत्तियां हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच में यह पता लगाया है कि कैसे इन तक ये पैसा पहुंचाया गया। 

मैसूर से 85 किमी दूर बायलाकुप्पे में जहां, मठ और प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर स्थित है। यह एक तीर्थ स्थान है। बाइलाकुप्पे दुनिया में तिब्बती बौद्ध धर्म के निंगमा वंश के सबसे बड़े शिक्षण केंद्र, नामद्रोलिंग निमिंगमापा मठ का एक केंद्र है।

चार्ली पेंग ने बौद्ध भिक्षु को पहुंचाया पैसा
चीनी नागरिक चार्ली पेंग को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। उससे पूछताछ में पता चला है कि उसने एक जाली खाते के माध्यम से बौद्ध भिक्षु को पैसा पहुंचाया। 
10 बौद्ध भिक्षुओं ने माना कि उन्हें पैसा मिला
10 बौद्ध भिक्षुओं ने यह माना है कि उन्हें पेंग से पैसा मिला। इनमें से 6 बायलाकुप्पे में रहते हैं। यहां के थुपटेन चोडक को 15 लाख, फंटसोक धरगयाल, ग्वांग लोसेल, तासी चोपेल को 10-10 लाख भेजे गए। थुप्टेन वोंगचुक को 8 लाख और लोबसांग चोडेन को 7 लाख रुपए मिले। रिपोर्ट के मुताबिक, द्रुपंग लेलिंग (10 लाख) और मुंदगोड़ा में सोनम दोर्जी (7 लाख) और देश में अन्य भिक्षुओं को भी भुगतान किया गया है।

हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला के बाद बायलाकुप्पे देश का दूसरा सबसे बड़ा तिब्बती शिविर है। रिपोर्ट के मुताबिक, जासूस ने जमायंग जिम्पा को 30 लाख रुपए का भुगतान किया है। वह बौद्ध है। पैसा एसके ट्रेडिंग नामक कंपनी से आया। यह उन नकली कंपनियों में से एक है, जिनका इस्तेमाल पेंग बौद्ध भिक्षुओं को पैसा पहुंचाने में करता था।
 

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