फिर मुश्किल में आप सरकार: CIC ने लिखा पत्र-दिल्ली में आरटीआई कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही

केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने बीते 22 सितंबर को दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा था। माहूरकर ने लेटर में दावा किया है कि सार्वजनिक निर्माण, राजस्व, स्वास्थ्य व बिजली सहित कई विभागों में आरटीआई के तहत जवाबदेही में अवहेलना करने के साथ पारदर्शी तरीका नहीं अपनपाया है।

Dheerendra Gopal | Published : Oct 11, 2022 6:21 PM IST

CIC alleged Delhi Government for improper implementing RTI: दिल्ली की आप सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब केंद्रीय सूचना आयुक्त (CIC) ने आप सरकार पर सूचना के अधिकार अधिनियम को ठीक से लागू नहीं करने का आरोप लगाया है। सीआईसी उदय माहूरकर ने राजधानी दिल्ली में आरटीआई कानूनों के उल्लंघन पर उप राज्यपाल को पत्र लिखा है। सीआईसी के लेटर पर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को कार्रवाई का आदेश दिया है।

केजरीवाल बोले-गंदी राजनीति में सीआईसी भी हुए लिप्त

अरविंद केजरीवाल सरकार ने पलटवार करते हुए सीआईसी पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है। आप सरकार ने कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग गंदी राजनीति में लिप्त है। यह दुखद है कि केंद्रीय सूचना आयोग जैसी संस्था गंदी राजनीति में लिप्त है। दिल्ली सरकार को इस बात पर गर्व है कि उसने आरटीआई कानून को सही मायने में लागू किया है।

सीआईसी ने उप राज्यपाल को भेजे पत्र में क्या आरोप लगाया?

केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहूरकर ने बीते 22 सितंबर को दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखा था। माहूरकर ने लेटर में दावा किया है कि सार्वजनिक निर्माण, राजस्व, स्वास्थ्य व बिजली सहित कई विभागों में आरटीआई के तहत जवाबदेही में अवहेलना करने के साथ पारदर्शी तरीका नहीं अपनपाया है। अधिकांश मामलों में जनसूचना अधिकारी, केंद्रीय सूचना आयोग के सामने पेश नहीं होते हैं। अधिकारी अपने क्लर्क या निचले स्तर के कर्मचारियों को आयोग में भेजते हैं। कई बार आरटीआई में झूठी सूचनाएं तक देने का दावा आवेदक द्वारा किया जाता है। सूचना मांगने वाले यह बताते हैं कि आरटीआई के तहत सही सूचनाएं नहीं देने की वजह से तमाम असलियत सामने नहीं आ पाती है।

आयुक्त माहूरकर ने दावा किया कि कई निजी अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के रोगियों को अनिवार्य उपचार प्रदान नहीं कर रहे थे। दिल्ली सरकार ने इन अस्पतालों को रियायती दर पर जमीनें ली थी बदले में ईडब्ल्यूएस रोगियों को रियायती दर पर उपचार करने का समझौता हुआ था लेकिन किसी ने भी पालन नहीं किया। इसी तरह पीडब्ल्यूडी के टेंडर्स के बारे में भी आरटीआई के तहत जवाब नहीं दिया जा रहा है। यहां तमाम ऐसे टेंडर्स दिए गए हैं जिनको अधिकारिक टेंडर प्राइस से करीब चालीस-पचास प्रतिशत कम रेट पर दिया गया है।

माहूरकर ने दावा किया कि दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (DSDIIC) के 100 करोड़ रुपये के टेंडर को अधिकारिक टेंडर प्राइस से करीब 40 प्रतिशत कम रेट पर आवंटित कर दिया गया है लेकिन इसकी सूचना नहीं मिल रही है। माहूरकर ने पत्र में कहा है कि बिजली विभाग को भी आरटीआई से जानबूझकर अलग रखा गया है। उन्होंने उप राज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि राज्य में आरटीआई कानूनों को अपंग करने की कोशिश की जा रही है। लगातार चेतावनी के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

सीआईसी के लेटर पर उप राज्यपाल ने कार्रवाई का दिया आदेश

उधर, सीआईसी के लेटर पर उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को आरटीआई का उल्लंघन करने वाले विभागों पर कार्रवाई का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव यह सुनिश्चित करें कि आरटीआई कानून का उल्लंघन करने वाले विभाग सुधारात्मक कार्रवाई करें और इसका पालन करने में किसी प्रकार से कोताही न बरतें।

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